बिक्री विकल्प

मिल गया बिहार में शराबबंदी का विकल्प! अब नीरा सेंटर खोलने की तैयारी में नीतीश सरकार
बिहार में शराबबंदी के बावजूद नीतीश सरकार (CM Nitish Government) नीरा सेंटर खोलने की तैयारी कर चुकी है. अकेले पटना में 51 नए सेंटर खोले जा रहे हैं. 1 अप्रैल से इसकी बिक्री का भी लक्ष्य रखा गया है. लेकिन 'नीरा' और ताड़ी के बीच ड्राई स्टेट वाले बिहार में पेंच फंसा हुआ है. कुछ लोग नीरा सेंटर को शराबबंदी का विकल्प के रूप में देख रहे हैं.
पटना : बिहार में शराबबंदी कानून सख्ती से लागू है लेकिन सरकार अब इसका विकल्प लाने की तैयारी कर रही है. खुद सीएम नीतीश समाज सुधार अभियान की सभाओं में नीरा को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बता चुके हैं. नीरा की बिक्री को 'जहरीली शराब से हो रही मौत' पर काबू पाने का एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसके लिए सरकार खुद नीरा स्टॉल लेकर आ रही है. राज्य के 38 जिलों में नीरा बिक्री केंद्र बनाए जा रहे हैं. अकेले पटना में 51 नए सेंटर खोले जा रहे हैं. सभी बिक्री सेंटर पर 1 अप्रैल से नीरा की बिक्री होगी. सीएम नीतीश कुमार खुद कह चुके हैं कि नीरा उत्पादन के कारोबार में लगे उद्यमियों को 'मुख्यमंत्री राहत कोष' से उनकी सरकार 1 लाख रुपए तक का अनुदान भी देगी.
नीरा और ताड़ी में क्या अंतर है? बहुत से लोग 'नीरा' को 'ताड़ी' समझते हैं. लेकिन इसमें बड़ा ही खास अंतर है. इस अंतर को समझना जरूरी है, क्योंकि जब तक ये ताजा रहती है उसे 'नीरा' कहते हैं. जब यही ताड़ी बासी होती जाती है यानी फर्मेंट (खमनीकरण) होने लगती है तो उसे ताड़ी कहा जाने लगता है. इसलिए पेड़ से निकालकर तुरंत इसका सेवन नीरा का सेवन है. लेकिन जब यही कुछ देर बाद फर्मेंट होकर बाजार में बेची जाती है तो 'अल्कोहलिक' हो जाती है. इसके स्वाद में भी काफी अंतर आ जाता है. नीरा के रूप में इसका स्वाद मीठा होता है जबकि ताड़ी के रूप में ये खट्टी हो जाती है. ताड़ी को इसीलिए सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. एक शोध के मुताबिक नीरा के इस्तेमाल से कई बीमारियां दूर होती हैं.
शराबबंदी कानून लागू रहेगा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान में कई बार कह चुके हैं कि 'नीरा' स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. ये पीने में भी स्वादिष्ट लगता है. उन्होंने कहा था कि वो खुद इसे चख चुके हैं. इसलिए शराब पीना छोड़कर नीरा ही पिएं. सीएम ने कहा कि सामाजिक कलंक को मिटाने के लिए हमने शराब से होने वाली 5 हजार करोड़ के राजस्व का परवाह नहीं किया और बिहार में पूर्ण शराब बंदी कानून लागू कर बड़ा कदम उठाया. इसी का परिणाम है कि इस कानून से समाज के लोगों में बिक्री विकल्प सुख शांति आने लगी है. तो कुछ लोग उल्टे राग अलापने लगे कि शराब बंदी कानून में ढील दिया जाए.
'नीरा कितनी उपयोगी चीज है. इसका कितना स्वाद होता है. मीठा और स्वादिष्ट भी होता है ये. हम तो कहना चाहते हैं कि जो लोग ताड़ के पेड़ से ताड़ी निकालते हैं, वह उस काम को छोड़कर नीरा उत्पादन करें. सरकार की तरफ से उनको एक लाख तक की मदद देंगे'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
ताड़ी की आड़ में 'नशे' की वापसी? बड़ा सवाल ये है कि क्या ताड़ी की आड़ में सरकार बैक डोर से 'नशा' बेचने की तैयारी कर रही है? ताजा रहने पर ही नीरा अमृत है, बासी होने पर यह शराब की तरह रिएक्ट करती है. हल्का नशा चढ़ने लगता है. ताड़ी सेहत के लिए हानिकारक है. फिर ये कैसे तय होगा की पीने वाला 'नीरा' पी रहा है कि 'ताड़ी'. नशेड़ियों को आसानी से ताड़ी उपलब्ध हो जाएगी. जिसके लिए बिहार में शराबबंदी लागू की गई घुमाकर वो एक विकल्प के रूप में परोसी जाएगी. फिर शराबबंदी कानून के मकसद बिक्री विकल्प का क्या होगा? सरकार ने 5000 करोड़ के राजस्व को दरकिनार कर दारू को बैन किया हुआ है. तो क्या सरकार इसे शराब का विकल्प के रूप में पेश कर रही है ताकि जहरीली शराब से मौत को काबू में किया जा सके? इसका जवाब कौन देगा?
नीरा में प्रचुर मात्रा में पौष्टिकता : बात नीरा की भी करना जरूरी है. क्योंकि, 100ml नीरा में 84.72 फीसदी जल रहता है जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35%, प्रोटीन-0.10%, वसा-0.17%, मिनरल-0.66% होता है. मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस की प्रचुर मात्रा में मिलती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यानि 100 ml नीरा से 110 कैलोरी मिलती है. नीरा न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय होती है, ये पानी से थोड़ी ही भारी होती है.
शराब पीने से गंभीर बीमारी: डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देकर सीएम नीतीश कह चुके हैं कि शराब पीने से पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 30 लाख लोगों की मौत होती है, जिसमें 20 से 39 आयु वर्ग के लगभग 15 प्रतिशत युवा शामिल हैं. फिर भी लोग सचेत नहीं हो रहे हैं. शराब पीने से कई तरह की गंभीर बीमारी हो रही है और आत्महत्या करने वालों में 18 प्रतिशत शराब पीने वाले होते हैं. सरकार नीरा को हेल्थ के आधार पर मंजूरी दे रही है.
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टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस की बुकिंग 50,000 रूपए में हुई शुरू, जनवरी से मिलेंगी डिलीवरी
नई टोयोटा बिक्री विकल्प इनोवा हाइक्रॉस में स्पोर्टियर फ्रंट डिज़ाइन, बेहतर इंटीरियर, बढ़ी हुई सुरक्षा और हाइब्रिड विकल्प के साथ 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन मिलता है
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने आखिरकार भारत में इनोवा हाइक्रॉस का डेब्यू कर दिया है और अगले महीने इसकी कीमतों की घोषणा और जनवरी के मध्य तक डिलीवरी शुरू होंगी। तीसरी पीढ़ी की इनोवा ने 21 नवंबर, 2022 को इंडोनेशिया में अपनी शुरुआत की थी और आखिरकार इसने भारत में अपना रास्ता बना लिया है जहाँ यह नेमप्लेट अत्यधिक लोकप्रिय है और अब तक इसकी दस लाख से अधिक यूनिट की बिक्री हो चुकी है।
टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस क्रिस्टा के मुकाबले अधिक प्रीमियम है और कंपनी दोनों की बिक्री को जारी रखेगी। इस प्रकार समझदार ग्राहकों के पास चुनने के लिए एक विस्तृत विकल्प होगा क्योंकि इनोवा क्रिस्टा के डीजल संस्करण अगले साल बिक्री पर वापस आएंगे। दूसरी ओर इनोवा हाइक्रॉस केवल पेट्रोल इंजन के साथ उपलब्ध होगा। हाइक्रॉस सात और आठ सीटर कॉन्फ़िगरेशन में उपलब्ध होगी और यह एक मजबूत हाइब्रिड पावरट्रेन से लैस है। 2.0-लीटर चार-सिलेंडर एटकिंसन साइकिल पेट्रोल इंजन मजबूत हाइब्रिड तकनीक बनाने के लिए एक इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी पैक के साथ मिलकर काम करता है।
इसमें एक समर्पित ईवी मोड भी होगा और इसमें 21.1 किमी/प्रति लीटर की माइलेज का दावा किया गया है। इनोवा हाईक्रॉस की प्रमुख विशेषताओं में से एक मॉड्यूलर टीएनजीए-सी प्लेटफॉर्म है जिस पर यह आधारित है और इसका वजन क्रिस्टा के मुकाबले 200 किलो कम है। क्रिस्टा में iMV लैडर फ्रेम द्वारा सक्षम RWD कॉन्फ़िगरेशन के विपरीत मोनोकॉक निर्माण इसे फ्रंट-व्हील ड्राइव MPV बनाता है। बिक्री पर दो पेट्रोल और तीन हाइब्रिड वेरिएंट होंगे।
इनोवा हाइक्रॉस क्रिस्टा के मुकाबले लंबी और चौड़ी है, जबकि ग्राउंड क्लीयरेंस, अप्रोच एंगल, डिपार्चर एंगल और कुल ऊंचाई क्रिस्टा के समान है। इसका व्हीलबेस भी 100 मिमी लंबा है जो इसे और अधिक जगहदार बनाता है। जबकि मजबूत हाइब्रिड पावरट्रेन 186 एचपी की पावर विकसित करता है और इंजन को ई-सीवीटी ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है। वहीं 2.0-लीटर एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन 174 एचपी की अधिकतम पावर आउटपुट और 197 एनएम का पीक टॉर्क पैदा करता है।
यह CVT ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से भी जुड़ा होगा और इनोवा हाइक्रॉस में कोई मैनुअल गियरबॉक्स उपलब्ध नहीं होगा। एक्सटीरियर में एक नया डिज़ाइन शामिल है जो टोयोटा की वैश्विक एसयूवी से प्रेरित है जबकि वोक्सी और वेलोज़ से प्रभावित है। अधिक अपराईट फ्रंट फेसिया में ब्लैक इन्सर्ट्स और क्रोम सराउंड्स के साथ एक ट्रैपेज़ॉइडल ग्रिल, अपडेटेड एलईडी प्रोजेक्टर हेडलैंप्स और नई एलईडी डे-टाइम रनिंग लाइट्स हैं।
अन्य विज़ुअल हाइलाइट्स में नए क्रीज़ के साथ एक मस्कुलर बोनट, नए अलॉय व्हील्स, रैपअराउंड एलईडी टेल लैंप्स, संशोधित रियर बम्पर और टेलगेट आदि शामिल हैं। वहीं फीचर्स में ऐप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो कनेक्टिविटी के साथ फ्लोटिंग 10.1-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, डुअल-ज़ोन ऑटो क्लाइमेट के लिए टच-सेंसिटिव कंट्रोल, नया डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल, वायरलेस चार्जिंग सुविधा, पैनोरैमिक सनरूफ, वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स, पावर्ड टेलगेट, एडजस्टेबल हेडरेस्ट, दूसरी पंक्ति की कैप्टन सीटों के लिए ओटोमन फंक्शन, ढेर सारे स्टोरेज स्पेस, नौ-स्पीकर जेबीएल ऑडियो, लेदर सीट अपहोल्स्ट्री, छह एयरबैग्स आदि शामिल हैं।
इनोवा हाईक्रॉस ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम्स) आधारित ड्राइवर-सहायक और सुरक्षा तकनीक की सुविधा देने वाली भारत की पहली टोयोटा कार बन गई है। टोयोटा सेफ्टी सेंस 3.0 ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, लेन डिपार्चर वार्निंग, एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, ऑटोमैटिक हाई बीम असिस्ट, रोड साइन असिस्ट, प्री-कोलिजन सिस्टम वगैरह को सक्षम बनाता है।
CNG अवतार में आते ही इस सस्ती सेडान ने मचाई धूम! दोगुनी रफ्तार से बढ़ी बिक्री, देती है 26Km का माइलेज
Tata Motors ने हाल ही में बाजार में अपने नए iCNG सेग्मेंट की शुरूआत की थी, जिसमें कंपनी ने Tigor और Tiago के नए सीएनजी वेरिएंट को लॉन्च किया है. टाटा टिगोर के सीएनजी वेरिएंट में आने के बाद इसकी बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 15 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 15 नवंबर 2022, 12:15 PM IST)
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ ज्यादातर ग्राहक CNG वाहनों की तरफ मुखर हो रहे हैं. ग्राहकों की इसी रूचि को देखते हुए वाहन निर्माता कंपनियां भी सीएनजी पोर्टफोलियो को मजबूत करने में लगी हैं. हाल ही में टाटा मोटर्स ने अपनी कॉम्पैक्ट सेडान कार Tata Tigor के नए CNG वेरिएंट को लॉन्च किया था. यूं तो ये सेडान अपने सेग्मेंट में सेफ़्टी फीचर्स और क्रैश रिपोर्ट के चलते पहले से ही लोकप्रिय रही है, लेकिन सीएनजी वेरिएंट ने इस कार की डिमांड को और भी बढ़ा दिया है. बीते अक्टूबर महीने में इस कार की बिक्री में पूरे 190 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है.
टाटा मोटर्स ने बीते अक्टूबर महीने में इस कॉम्पैक्ट सेडान कार के कुल 4,001 यूनिट्स की बिक्री की है, जो कि पिछले साल के अक्टूबर महीने के महज 1,377 यूनिट्स के मुकाबले 190.56% ज्यादा है. बिक्री के मामले में ये देश की चौथी बेस्ट सेलिंग सेडान कार भी रही है, इससे उपर मारुति डिजायर, होंडा अमेजा और हुंडई ऑरा क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं. इनमें से होंडा अमेज पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन विकल्प के साथ आती है, जबकि बाकी कारें पेट्रोल इंजन और कंपनी फिटेड सीएनजी किट में उपलब्ध हैं.
कैसी है नई Tata Tigor iCNG:
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टाटा टिगोर कुल चार वेरिंएट्स में आती है और इसकी कीमत 6.10 लाख रुपये बिक्री विकल्प से लेकर 8.84 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) के बीच है. इसके सीएनजी वेरिएंट की शुरुआती कीमत 7.44 लाख रुपये है. कंपनी ने इस कार में 1.2 लीटर की क्षमता का पेट्रोल इंजन इस्तेमाल किया है, जो कि 86PS की पावर और 113Nm का टॉर्क जेनरेट करता है. वहीं सीएनजी मोड में यह इंजन 73PS की पावर और 95Nm का टॉर्क उत्पन्न करता है. इसका पेट्रोल वर्जन 5-स्पीड मैनुअल और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ आता है, जबकि सीएनजी वेरिएंट में केवल मैनुअल ट्रांसमिशन का ही विकल्प मिलता है.
इस कार में 419 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है, हालांकि सीएनजी वेरिएंट में सिलिंडर के नाते ये स्पेस नहीं मिलता है. फीचर्स के तौर पर इस कार में ऑटोमेटिक हेडलाइट्स, रेन सेंसिंग वाइपर्स, एप्पल कार प्ले और एंड्रॉयड ऑटो के साथ 7 इंच का ट्चस्क्रीन इंफोटेंमेंट सिस्टम, डिजिटल इंस्ट्रमेंट क्लस्टर, कीलेस एंट्री, ऑटोमेटिक एयर कंडिशन (AC), पुश-बटन स्टार्ट/स्टॉप जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
मिलती है जबरदस्त सेफ़्टी:
Tata Tigor देश की सबसे सुरक्षित कॉम्पैक्ट सेडान कारों में से एक है. कंपनी का दावा है कि, ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में इस कार को 4-स्टार रेटिंग मिली है, जो कि कार के भीतर सवार यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाता है. इस कार में डुअल फ्रंट एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) के साथ एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), कॉर्नर स्टैबिलिटी कंट्रोल, ऑटोमेटिक प्रोजेक्टर हेडलैंप जैसे फीचर्स मिलते हैं. टाटा मोटर्स की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इसका पेट्रोल मॉडल 19.27 किलोमीटर और सीएनजी वेरिएंट 26.49 किलोमीटर प्रति किग्रा का माइलेज देता है.
SEBI Guidelines: 14 नवंबर से शेयर बिक्री के लिए डीमैट खातों में ब्लॉक मैकेनिज्म जरूरी
SEBI ने शेयर्स की बिक्री के लिए अपने सम्बंधित डीमैट अकाउंट पर सिक्योरिटी को ब्लॉक करना जरुरी कर दिया है. ये नये नियम 14 नवंबर से लागू कर दिए जाएंगे. SEBI ने इसे जुलाई के महीने में पेश करने की बात कही थी और अगस्त के महीने में इसे वैकल्पिक घोषित किया गया था.
SEBI New Guideline: शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने नये नियमों की घोषणा की है. इन नियमों के अनुसार 14 नवंबर से शेयर्स की बिक्री करने पर सम्बंधित डीमैट अकाउंट बिक्री विकल्प पर सिक्योरिटीज को ब्लॉक करना जरुरी हो जाएगा. यह नियम 14 नवंबर से पूरी तरह से लागू कर दिए जाएंगे. इन नियमों के लागू किये जाने के बाद शेयर ग्राहक के डीमैट अकाउंट से जुड़े क्लियरिंग कॉरपोरेशन के खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे. अगर इन शेयर्स की बिक्री नहीं हो पायी तो यह शेयर्स वापस निवेशकों के खाते में चले जाएंगे और कारोबार दिन के अंत तक इन्हे ब्लॉक से हटा दिया जाएगा.
Block Mechanism क्या है?
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को निवेशकों के लिये बिक्री सौदों को लेकर अपने डीमैट खातों में प्रतिभूतियां रोकने यानी ‘ब्लॉक' करने की व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया. फिलहाल निवेशकों के लिये यह सुविधा वैकल्पिक है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि बिक्री सौदा करने वाले निवेशकों के डीमैट खातों (प्रतिभूतियों और शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का खाता) में ‘ब्लॉक' व्यवस्था 14 नवंबर से अनिवार्य हो जाएगी.
इस व्यवस्था के तहत बिक्री सौदा करने को इच्छुक निवेशकों के शेयरों को संबंधित समाशोधन निगम के पक्ष में उसके डीमैट खाते में अवरुद्ध कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि नियामक ने जुलाई में ‘ब्लॉक' व्यवस्था लाने का निर्णय किया था. इसके तहत एक अगस्त से निवेशकों के पास यह विकल्प होता कि वे एक बिक्री सौदे के लिये अपने डीमैट खातों में प्रतिभूतियों को रोक सकते हैं. निवेशकों के लिये प्रारंभिक भुगतान पद्धति का विकल्प भी उपलब्ध है.
इस विकल्प के तहत शेयर ग्राहक के डीमैट खाते से संबंधित समाशोधन निगम के खाते में स्थानांतरित किये जाते हैं. यदि प्रारंभिक भुगतान व्यवस्था के तहत बिक्री सौदा नहीं हो पाता है तो उन शेयरों को ग्राहक के खाते में वापस कर दिया जाता है. इस प्रक्रिया में समय लगता है और इसमें लागत भी जुड़ी है. सेबी ने अब डिपॉजिटरी, समाशोधन निगम और शेयर बाजारों के साथ व्यापक परामर्श के बाद यह निर्णय किया है कि सभी शुरुआती भुगतान लेनदेन के लिये ‘ब्लॉक' व्यवस्था की सुविधा अनिवार्य होगी. (इनपुट : भाषा)
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