क्या FX सेवा हराम है

क्या FX सेवा हराम है
2:20:06
एक्शन (2020) नई रिलीज़ हिंदी डब पूरी मूवी | विशाल, तमन्नाह, ऐश्वर्या लक्ष्मी, योगी बाबू
2:26
2022 क्या FX सेवा हराम है की सर्वश्रेष्ठ एक्शन फ़िल्में
1:50:32
Ajay Devgan New Hindi Bollywood Full Movie 2022 | Ajay Devgan | Rakul Preet Singh | Tabu
1:55:31
John क्या FX सेवा हराम है Abraham (2022) New Hindi Bollywood Blockbuster Full Movie 2022 | John Abraham | Emraan Hashmi
1:41:19
KEEDA (KEEDAM) Full Movie (4K) | New Released Hindi Dubbed Movie (2022) | Rajisha Vijayan
2:18:41
लेडी बॉस सुपरहिट ब्लॉकबस्टर नई हिंदी डब्ड एक्शन रोमांटिक मूवी | आयशा, थ्रिलर मंजू एक्शन मूवी | MF
2:13:24
चलो) लेटेस्ट नई रिलीज़ मूवी हिंदी डब में | नई साउथ एक्शन मूवी हिंदी में | लव स्टोरी साई,नेहा सोलंकी
आखिर कौन है वो 6 लोग, जिनसे मिला 100 करोड़ का कालाधन!
कौन हैं वो 6 लोग!
जब पत्रकारों ने अरुण जेतली से अघोषित आय की घोषणा करने वाले लोगों के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने किसी का भी नाम बताने से साफ मना कर दिया। जेतली बोले, ‘‘अभी आप पूछ रहे हैं कितने लोगों ने 100 करोड़ से अधिक की अघोषित आय घोषित क्या FX सेवा हराम है की, फिर पूछेंगे वो किन राज्यों से हैं, फिर पूछेंगे उन 6 लोगों क्या FX सेवा हराम है के नाम क्या हैं। जेतली ने किसी का भी नाम बताने से मना किया लेकिन प्रैस कॉन्फ्रैंस में जिन 6 लोगों की बात उन्होंने की, क्या वह सिर्फ एक जुमला था या फिर 6 लोगों ने 100 करोड़ से अधिक की अघोषित आय की घोषणा की है, यह एक सवाल बना हुआ क्या FX सेवा हराम है है।
अब आगे क्या?
आई.डी.एस. के तहत काले धन का खुलासा न करने वालों की नींद हराम करने की बात प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं। लिहाजा अब ऐसे लोगों पर ताबड़तोड़ छापेमारी का सिलसिला शुरू हो सकता है, जिन्होंने योजना का फायदा न उठाते हुए अपने पास पड़े काले धन की घोषणा नहीं की है। हालांकि खत्म हुई योजना के तहत भी आखिरी एक महीने में काफी छापे पड़े हैं लेकिन इसके बावजूद आने वाले दिनों में काले धन पर सरकार का यह प्रहार और सख्त हो सकता है।
बढ़ सकता है आंकड़ा
काले धन के खुलासे को लेकर शुरू की गई योजना के अंतिम दिन 30 सितम्बर को कई लोगों ने अपने धन का खुलासा किया है। आखिरी दिनों में सामने आए लोगों के नाम और राशि का ब्यौरा फिलहाल इसमें नहीं जोड़ा जा सका है। आने वाले दिनों में इसको जोडऩे के बाद आखिरी आंकड़ा जारी किया जाएगा। यह आंकड़ा मौजूदा आंकड़े से ज्यादा बढ़ा होगा।
सरकार के कदम
1. बेनामी एक्ट बदला गया
2. अमरीका के साथ फटका पर हस्ताक्षर किए गए
3. मॉरीशस के साथ संधि में बदलाव किया गया
4. स्विट्जरलैंड के साथ सूचना सांझी करने का समझौता किया गया
10 बड़ी बातें
1. आई.डी.एस. में 65,250 करोड़ रुपए के क्या FX सेवा हराम है क्या FX सेवा हराम है काले धन का खुलासा
2. 64,275 लोगों ने किया खुलासा
3. छापेमारी में 56,378 करोड़ रुपए का पता चला
4. 16 हजार करोड़ रुपए ऐसे लोगों से मिले जिन्होंने रिटर्न फाइल नहीं की थी
5. हर व्यक्ति से औसतन 1 करोड़ रुपए काले धन का खुलासा
6. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना खुलासे में पहले नम्बर पर, मुम्बई दूसरे, दिल्ली तीसरे नम्बर पर
7. एच.एस.बी.सी. मामले में 8 हजार करोड़ रुपए का पता चला, 164 मामले दर्ज
8. छापेमारी में 1986 करोड़ रुपए जब्त किए गए
9. पनामा मामले में 250 मामले दर्ज
10. सरकार को 30 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का अनुमान
एतमादुद्दौला का मक़बरा
कई वर्षों तक मुगल साम्राज्य की राजधानी होने के कारण, आगरा शहर स्थापत्य भवनों से परिपूर्ण है जो इस जगह की सुंदरता और इसकी महिमा को बढ़ाते हैं। यूं तो मोहब्बत की निशानी ताज महल के दीदार के लिए ताजनगरी में काफी भीड़ रहती है और हजारों देसी-विदेशी पर्यटक हर दिन आगरा पहुंचते है लेकिन आगरा में ताजमहल के अलावा और भी कई ऐसी धरोहर हैं, जिनको देखकर आपको मुगलकालीन समय की अनुभूति होगी । एतमादुद्दौला के मक़बरा एक ऐसी ही बेमिसाल इमारत है जिसकी चर्चा मैं आज आपसे करने जा रहा हूं साथ ही कुछ विचारणीय विंदु भी रखूंगा जिन पर साभार आपकी राय भी जानना चाहूंगा।
उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित एतमादुद्दौला का मक़बरा नूरजहाँ के पिता मिर्ज़ा ग़ियासबेग को समर्पित है । बादशाह जहाँगीर द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद अपने पिता के सेवक एवम् ससुर मिर्ज़ा ग़ियासबेग को ‘एतमादुद्दौला’ की उपाधि प्रदान की गई थी। एतमादुद्दौला का मक़बरा का निर्माण 1626 ई. में उसकी बेटी नूरजहाँ ने करवाया । ये मुमताज महल का दादा भी था।
आगरा में यमुना नदी के तट पर स्थित एतमादुद्दौला का मक़बरा अकबर एवं शाहजहाँ की शैलियों के मध्य की एक कड़ी है। मुग़लकालीन वास्तुकला के अन्तर्गत निर्मित यह प्रथम ऐसी इमारत है, जो पूर्ण रूप से बेदाग़ सफ़ेद संगमरमर से निर्मित है। सर्वप्रथम इसी इमारत में ‘पित्रादुरा’ नाम का जड़ाऊ काम किया गया। एतमादुद्दौला के मक़बरे का आकर्षण मध्य एशियाई शैली में बनी इसकी गुंबद है। मक़बरे के अन्दर सोने एवं अन्य क़ीमती रत्नों से जड़ावट का कार्य किया गया है। जड़ावट के कार्य का एक पहले का नमूना उदयपुर के ‘गोलमण्डल मन्दिर’ में पाया जाता है। मक़बरे के अन्दर निर्मित एतमादुद्दौला एवं उसकी पत्नी अस्मत बेगम की क़ब्रें पीले रंग के क़ीमती पत्थर से निर्मित है। मक़बरे की दीवारों में संगमरमर की सुन्दर जालियों का प्रयोग किया गया है। वास्तुकला के विशेषज्ञ इसे ताजमहल के अतिरिक्त अन्य मुग़लकालीन इमारतों में श्रेष्ठ मानते हैं।
इसकी दीवारों पर पेड़ पौधों, जानवरों और पक्षियों के चित्र उकेरे गए हैं। कहीं कहीं आदमियों के चित्रों को भी देखा जा सकता है जो एक अनोखी चीज़ है क्योंकि इस्लाम में मनुष्य का सजावट की चीज़ के रूप में इस्तेमाल करने की मनाही है। अपनी ख़ूबसूरती के कारण यह मक़बरा श्रंगारदान के रूप में जाना जाता है। यहां के बाग, पित्रादुरा पच्चीकारी, व कई घटक ताजमहल से मिलते हुए हैं। लोगों का कहना है कि कई जगह यहां की नक्काशी ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत लगती है। यही वजह है कि इस मकबरे को अक्सर “बेबी ताजमहल” के रूप में संबोधित किया जाता है । इस स्मारक की शानदार भव्यता आश्चर्यजनक रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। इसलिए अगली बार जब आप ताजमहल आने की योजना बनाए, तो इस छोटे ताजमहल का भ्रमण करना न भूलें!
* गयास बेग मूलतः अकबर का सेवक था और ईरान से आया था तो अकबर का नौकर होने के नाते उसको इतनी बड़ी उपाधि देना गले नहीं उतरता । आखिर क्या कारण था जो उसको इतनी बड़ी उपाधि दी गई। क्या इसलिए कि लंपट और विलासी राजा जहांगीर को उसकी कमसिन जवान बेटी पसंद आ गई और उसे जबरन अपने महल में ले आया था?
* एक नौकर के लिए इतनी खूबसूरत बुलंद महंगी इमारत बनवाना ………. क्या कहेंगे आप ?
* कहते हैं कि इस्लाम में शराब हराम है फिर इस खूबसूरत मकबरे की दीवारों पर शराब के चित्र क्यों?
* इस्लाम में मनुष्य के चित्र बनाना वर्जित है फिर इस मकबरे में मनुष्यों के चित्र क्यों बनाये गए हैं?
* मकबरे की कब्रें नकली क्यों है जैसा के बाहर प्रस्तर खंड पर लिखा है तो क्या FX सेवा हराम है फिर असली कहां हैं और अगर यह नकली हैं तो मक़बरा किस बात का?
* इस मकबरे कि जो चित्रकारी है वह राजस्थान के मंदिरों की पित्रादुरा पच्चीकारी के नाम पर जानी जाती है । विचारणीय बात यह है कि मुगलों ने ईरान में या अफगानिस्तान में कभी इस तरह की शानदार इमारत नहीं बनाई और ऐसी इमारत सिर्फ हिंदुस्तान में बनी है। जिनके प्रमाण मिलते हैं कि यह या तो मंदिरों से ली गई है यह मंदिरों के भग्नावशेषों से बनाई गई है तो किस आधार पर हमारे इतिहासकार कहते हैं कि ये निर्माण की मुगल शैली है?
क्या FX सेवा हराम है
अधिक ज़िचेंग जिला
अधिक डेक्सिंग जिला
अधिक यिनचुआन
छवि चयन
व्हिसलब्लोअर ट्रैकिंग
पूरे नेटवर्क पर हॉट स्पॉट
इस साइट पर खराब सामग्री की रिपोर्ट करने के लिए ईमेल:[email protected]/रिपोर्टिंग फ़ोन नंबर:087-26635112