फिक्स्ड कैपिटल

Economic Survey: GDP के अनुपात में 7 सालों के रिकॉर्ड स्तर पर निवेश, स्थायी पूंजी निर्माण 15% रहने का अनुमान
Economic Survey 2022-23: निवेश के मोर्चे पर, इकोनॉमिक सर्वे को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 'ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन (GFCF)' में 15 फीसदी की मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी
Economic Survey 2022: निवेश के मोर्चे पर, इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 'ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन (GFCF)' में 15 फीसदी की मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी। साथ ही उसे यह भी उम्मीद है कि इस मामले में भारत कोरोना-पूर्व के स्तर को भी हासिल कर लेगा।
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, "सरकार की नीतियां कैपिटल एक्सपेंडिचर और बुनियादी ढांचे पर खर्च के जरिए विकास के चक्र को तेज करने पर जोर देती है। इसके चलते अर्थव्यवस्था में पूंजी का निर्माण हुआ है, जिससे वित्त वर्ष 2021-22 में इनवेस्टमेंट टू जीडीपी रेशियो बढ़कर 29.6 फिक्स्ड कैपिटल फीसदी पर पहुंच गया है, जो पिछले 7 सालों का उच्चतम स्तर पर है।
क्या होता है ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन?
सरकार और प्राइवेट सेक्टर की तरफ से फिक्स्ड एसेट पर कितना कैपिटल यानी पैसा खर्च फिक्स्ड कैपिटल किया जाना है, इसी के आकलन को ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन यानी सकल स्थायी पूंजी निर्माण (GFCF) कहा जाता है। यहां फिक्स्ड कैपिटल से आशय किसी सरकार या प्राइवेट कंपनी की तरफ से उस वित्त वर्ष या तिमाही में मशीनरी, वाहन, सॉफ्टवेयर, नई रिहायशी इमारतों, सड़क आदि पर किया गया खर्च शामिल होता है।
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इस तरह GFCF से यह पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में मशीनरी या बिल्डिंग जैसे फिक्स्ड एसेट के निर्माण पर होने वाले खर्च में कितना उतार-चढ़ाव आ रहा है। दरअसर यह माना जाता है कि विकास की गति को बरकरार रखने के लिए नए-नए मशीनों या अन्य तरह के कैपिटल गुड्स की जरूरत पड़ती है।
अगर कोई देश नई मशीनरी नहीं खरीदकर, पुरानी मशीनरी से ही काम चला रहा है तो उसका उत्पादन का स्तर दूसरों देशों के मुकाबले गिर जाएगा और वह उनसे पीछे रह जाएगा। इससे उस देश के विकास की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। इसीलिए यह माना जाता है कि अगर किसी देश में ‘ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन’ तेज गति से हो रहा है तो उस देश के विकास की रफ्तार भी अधिक होगी। यह अर्थव्यवस्था में निवेश के स्तर का सूचक है।
वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे किया पेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वे को संसद में पेश किया। आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ रेट के 8 से 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया गया। सर्वे में कहा गया कि कैपिटल एक्सेपेंडिचर को बढ़ाने के लिए भारत के पास पर्याप्त राजकोषीय बजट है।
वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ के 9.2 फीसदी का अनुमान जताया गया है, जबकि कृषि सेक्टर का ग्रोथ 3.9 फीसदी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ का ग्रोथ 11.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है। सप्लाई के मोर्चे पर, अगले वित्त वर्ष में कैपिटल एक्सपेंडिचर और एक्सपोर्टस के ग्रोथ के मुख्य इंजन बनने का अनुमान है।
Mutual Fund: कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके लिए है एक अवसर
फंड हाउस (Fund House) का दावा है कि यह फंड इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और गोल्ड ईटीएफ के मिक्स में निवेश करता है। इक्विटी में निवेश का उद्देश्य निवेशकों को हाई रिटर्न देते फिक्स्ड कैपिटल हुए उनकी दौलत या कैपिटल में बढ़ोतरी करना है। फिक्स्ड इनकम विकल्पों में निवेश से रेगुलर आय (Regular Income) हासिल करने में मदद मिलेगी, वहीं गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का उद्देश्य वैश्विक संकट के दौरान सुरक्षा प्रदान करना है।
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हाइलाइट्स
- यह NFO निवेश के लिए खुल चुका है और 12 दिसंबर, 2022 को बंद हो जाएगा
- फंड का लक्ष्य एक ऐसा ऑल-राउंडर फिक्स्ड कैपिटल पोर्टफोलियो बनाना है, जिसमें हर मार्केट साइकिल में प्रदर्शन करने की क्षमता हो
- इस फंड में कम से कम 5,000 रुपये के साथ निवेश करना होगा
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डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का अवसर
बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीईओ सुरेश सोनी कहना है कि उनका फंड निवेशकों को अलग-अलग एसेट क्लास में अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का अवसर दे रहा है। यह पहली बार निवेश करने वालों फिक्स्ड कैपिटल और अनुभवी निवेशकों दोनों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प है। क्योंकि, यह कई स्ट्रैटेजी में निवेश, ट्रैकिंग और निवेश को बनाए रखने की परेशानी से बचाता है। यह उन निवेशकों के लिए भी बेहतर विकल्प फिक्स्ड कैपिटल है, जो सोने में आवंटन के साथ एसेट क्लास डायवर्सिफिकेशन और पोर्टफोलियो की तलाश कर रहे हैं।
कम जोखिम और बेहतर रिटर्न
फंड हाउस का कहना है कि जब फिक्स्ड इनकम की बात आती है, तो फंड फिक्स्ड कैपिटल अपेक्षाकृत कम क्रेडिट जोखिमों के साथ बेहतर रिटर्न देने के लिए डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स के हाई क्वालिटी वाले पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहता है। फंड गोल्ड ईटीएफ में निवेश के जरिए निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड को भी शामिल करता है। यह NFO निवेश के लिए खुल चुका है और 12 दिसंबर, 2022 को बंद हो जाएगा।
फिक्स्ड कैपिटल
👉🏻कोई भी नया कारोबार शुरू करते समय दो चीजें अहम होती हैं। पहला बिजनेस में कितना निवेश करना होगा। दूसरा बिजनेस से कितना मुनाफा होगा। ऐसे में हम एक ऐसे बिजनेस के बारे में आपको बता रहे हैं, जिसमें निवेश बेहद कम है और मुनाफा ज्यादा। ये बिजनेस टोमेटो सॉस का है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको खुद से सिर्फ 2 लाख रुपए फिक्स्ड कैपिटल निवेश करना होगा। इस काम में केंद्र सरकार आपकी मदद करेगी। सरकार की मुद्रा स्कीम के तहत आपको एक तय रकम की हेल्प लोन के रूप में आसानी से मिल रही है। सरकार ने इस योजना के तहत अलग-अलग बिजनेस शुरू करने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार की है। हम आपको बताएंगे कि किस तरह से सिर्फ 2 लाख रुपये के निवेश से हर महीने 50 हजार रुपये तक इनकम की जा सकती है। 👉🏻शुरू करें टोमैटो सॉस का बिजनेस- टोमैटो सॉस या टोमैटो केचप की डिमांड अमूमन हर समय और ज्यादातर घरों या होटल-रेस्टोरेंट में रहती है। आज कल मार्केट में कई बड़े व पॉपुलर ब्रांड के साथ कई तरह के लोकल ब्रांड भी मौजूद हैं। अगर लोकल ब्रांड की भी क्वालिटी अच्छी है तो डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में यह बिजनेस शुरू करना अच्छा आइडिया साबित हो सकता है। खर्च का आंकड़ा:- 👉🏻टोटल खर्च: 7.82 लाख रुपये, फिक्स्ड कैपिटल 2 लाख रुपए (इसमें हर तरह की मशीनरी और इक्यूपमेंट का खर्च शामिल है) वर्किंग कैपिटल: 5.82 लाख रुपए (इसमें टमाटर, रॉ-मटेरियल, इन्ग्रेडिएंट, काम करने वालों की सैलरी, पैंकिंग, टेलिफोन, रेंट आदि का खर्च शामिल है). सरकार से ऐसे मिलेगी मदद- इसमें आपको 1.95 लाख रुपए अपने पास से लगाना होगा. टर्म लोन 1.50 लाख रुपए होगा। वर्किंग कैपिटल लोन 4.36 लाख रुपए होगा। यह लोन मुद्रा योजना के तहत किसी भी बैंक से आसानी से हो जाएगा। कैसे होगा मुनाफा:- 👉🏻7.82 लाख रुपए के निवेश में जो एस्टीमेट है, उस लिहाज से सालाना टर्नओवर 28.80 लाख रुपए हो सकता है. कास्ट ऑफ प्रोडक्शन : 24.22 लाख रुपये सालाना, नेट प्रॉफिट: 4.58 लाख रुपये सालाना, महीने का प्रॉफिट: करीब 40 हजार रुपये. कैसे मिलेगा लोन:- 👉🏻मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आपको सरकारी या बैंक की शाखा में आवेदन देना होगा। अगर आप खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो आपको मकान के मालिकाना हक़ या किराये के दस्तावेज, काम से जुड़ी जानकारी, आधार, पैन नंबर सहित कई अन्य दस्तावेज देने होंगे। बैंक मैनेजर वेरिफिकेशन के बाद लोन मंजूर करता है। 👉🏻कैसे करें अप्लाई- इसके लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आप किसी भी बैंक में अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें ये डिटेल देनी होगी. नाम, पता, बिजनेस एड्रेस, एजुकेशन, मौजूदा इनकम और कितना लोन चाहिए। इसमें किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस या गारंटी फीस भी नहीं देनी होती। 👉🏻खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें। स्रोत:-News 18, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। फिक्स्ड कैपिटल दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍🏻 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
हरियाणा ईवी नीति 2022 | Haryana EV Policy 2022
इसी के तहत अब हरियाणा सरकार ने ईवी निर्माताओं को कई वित्तीय प्रोत्साहन को पेश करते हुए राज्य में हरियाणा ईवी नीति 2022 को मंजुरी फिक्स्ड कैपिटल दे दिया है। हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर जी की अध्यक्षता में हरियाणा ईवी नीति 2022 को मंजूर किया गया।
सरकार के ऑफिसियल बयान के अनुसार, हरियाणा ईवी नीति 2022 के तहत हरियाणा राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को निश्चित पुँजी निवेश ( Fixed Capital Investments ), नेट SGST, स्टैम्प ड्यूटी, रोजगार सर्जन सेगमेंट में वित्तीय प्रोत्साहन दिया जायेगा।
इन सेगमेंट में मिलेगी छुट
हरियाणा ईवी नीति 2022 के अनुसार ईवी निर्माताओं को 20 वर्ष तक बिजली खर्च छुट दिया जायेगा। तथा सरकार के द्वारा स्टैम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
वही SGST में 10 वर्षो के लिए नेट SGST में 50 प्रतिशत की रीइंबर्समेंट दिया जायेगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन और इसके कॉम्पोनेन्ट, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ईवी बैटरी जैसी चीजे बनाने वाली कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के साथ साथ इंसेंटिव भी दिया जायेगा।
फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) में भी मिलेगा इंसेंटिव
ईवी निर्माता को फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) के लिए भी हरियाणा सरकार के द्वारा कई तरह के लाभ दिए जा रहे है।
मेगा इंडस्ट्रीज को फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) का 20 प्रतिशत तथा 20 करोड़ रुपये जो भी कम होगा इसके आधार पर कैपिटल सब्सिडी दिया जायेगा।
वही लार्ज इंडस्ट्रीज में फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) का 10 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के रूप में मिलेगा तथा अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक ही दिया जायेगा।
मध्यम उद्योग को फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) का 20 प्रतिशत लाभ दिया जायेगा , जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक होगी।
लघु उद्योग को फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) का 20 प्रतिशत और अधिकतम 40 लाख रुपये तक लाभ दिया जायेगा।
वही सूक्ष्म उद्योग को फिक्स्ड कैपिटल इंवेस्टमेंट्स ( FCI ) का 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगा जो अधिकतम 15 लाख तक होगा।
रोजगार सर्जन पर दी जा रही सब्सिडी
हरियाणा ईवी नीति 2022 में एक महत्वपूर्ण नीति बनाई गयी है जिसमे ईवी निर्माताओं को रोजगार सर्जन करने पर भी हरियाणा सरकार के द्वारा सब्सिडी दिया जायेगा।
इस नीति के अनुसार हरियाणा की मूल निवासी को रोजगार देने पर ईवी कंपनियों को 10 वर्षो के लिए प्रति वर्ष 48000 रुपये की सब्सिडी भी दिया जायेगा।