विदेशी मुद्रा विकल्प क्या है?

ARP क्या है और यह कैसे काम करता है

ARP क्या है और यह कैसे काम करता है
बिना प्रोटोकॉल के कोई भी कंप्यूटर नेटवर्क ठीक तरह से काम नही कर सकता यहाँ तक की इसके बिना इंटरनेट की कल्पना भी नही की जा सकती।

ARP (Address Resolution Protocol) explained

ARP (Address Resolution Protocol) एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग किसी IP पते से किसी डिवाइस के हार्डवेयर (मैक) पते का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई डिवाइस स्थानीय नेटवर्क पर कुछ अन्य डिवाइस के साथ संचार करना चाहता है (उदाहरण के लिए ईथरनेट नेटवर्क पर जिसे पैकेट भेजने से पहले भौतिक पते की आवश्यकता होती है)। भेजने वाले उपकरण IP पते को मैक पते पर अनुवाद करने के लिए ARP का उपयोग करते हैं। डिवाइस एक ARP अनुरोध संदेश भेजता है जिसमें प्राप्त डिवाइस का IP पता होता है। स्थानीय नेटवर्क सेगमेंट के सभी डिवाइस संदेश देखते हैं, लेकिन केवल वह डिवाइस जिसमें IP पता ARP उत्तर संदेश के साथ प्रतिक्रिया करता है जिसमें उसका मैक पता होता है। भेजने वाले डिवाइस में अब पैकेट को भेजने वाले डिवाइस को भेजने के लिए पर्याप्त जानकारी है।

ARP अनुरोध पैकेट प्रसारण पते ( FF:FF:FF:FF:FF:FF ईथरनेट प्रसारण के लिए और आईपी प्रसारण के लिए 255.255.255.255) पर भेजे जाते हैं।

यहाँ ARP प्रक्रिया का विवरण दिया गया है:

बता दें कि होस्ट A होस्ट ARP क्या है और यह कैसे काम करता है B के साथ संवाद करना चाहता है। होस्ट ए मेजबान बी का IP पता जानता है, लेकिन यह मेजबान B के मैक पते को नहीं जानता है। होस्ट B के मैक पते का पता लगाने के लिए, मेजबान A एक ARP अनुरोध भेजता है, मेजबान B के IP पते को गंतव्य IP पते और FF के मैक पते को सूचीबद्ध करता है: FF:FF:FF:FF:FF:FF (ईथरनेट प्रसारण) । स्विच सभी इंटरफेस (आने वाले इंटरफ़ेस को छोड़कर) को आगे बढ़ाएगा। सेगमेंट के प्रत्येक डिवाइस को पैकेट प्राप्त होगा, लेकिन क्योंकि गंतव्य IP पता होस्ट B का IP पता है, केवल होस्ट B ARP उत्तर पैकेट के साथ उत्तर देगा, इसके मैक पते को सूचीबद्ध करेगा। होस्ट A के पास अब B को होस्ट करने के लिए ट्रैफ़िक भेजने के लिए पर्याप्त जानकारी है।

सभी ऑपरेटिंग सिस्टम एआरपी कैश को बनाए रखते हैं जो एआरपी अनुरोध संदेश भेजने से पहले जांचे जाते हैं। हर बार एक मेजबान को लैन पर दूसरे होस्ट को एक ARP क्या है और यह कैसे काम करता है पैकेट भेजने की आवश्यकता होती है, यह पहले सही IP पते और मिलान ARP पते के लिए अपने ARP कैश की जांच करता है। पते कुछ मिनट ARP क्या है और यह कैसे काम करता है के लिए कैश में रहेंगे। आप Arp -a कमांड का उपयोग करके Windows में ARP प्रविष्टियाँ प्रदर्शित कर सकते हैं:

ARP (Address Resolution Protocol) explained

ARP (Address Resolution Protocol)ARP क्या है और यह कैसे काम करता है एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग किसी IP पते से किसी डिवाइस के हार्डवेयर (मैक) पते का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई डिवाइस स्थानीय नेटवर्क पर कुछ अन्य डिवाइस के साथ संचार करना चाहता है (उदाहरण के लिए ईथरनेट नेटवर्क पर जिसे पैकेट भेजने से पहले भौतिक पते की आवश्यकता होती है)। भेजने वाले उपकरण IP पते को मैक पते पर अनुवाद करने के लिए ARP का उपयोग करते हैं। डिवाइस एक ARP अनुरोध संदेश भेजता है जिसमें प्राप्त डिवाइस का IP पता होता है। स्थानीय नेटवर्क सेगमेंट के सभी डिवाइस संदेश देखते हैं, लेकिन केवल वह डिवाइस जिसमें IP पता ARP उत्तर संदेश के साथ प्रतिक्रिया करता है जिसमें उसका मैक पता होता है। भेजने वाले डिवाइस में अब पैकेट को भेजने वाले डिवाइस को भेजने के लिए पर्याप्त जानकारी है।

ARP अनुरोध पैकेट प्रसारण पते ( FF:FF:FF:FF:FF:FF ईथरनेट प्रसारण के लिए और आईपी प्रसारण के लिए 255.255.255.255) पर भेजे जाते हैं।

यहाँ ARP प्रक्रिया का विवरण दिया गया है:

बता दें कि होस्ट A होस्ट B के साथ संवाद करना चाहता है। होस्ट ए मेजबान बी का IP पता जानता है, लेकिन यह मेजबान B के मैक पते को नहीं जानता है। होस्ट B के मैक पते का पता लगाने के लिए, मेजबान A एक ARP अनुरोध भेजता है, मेजबान B के IP पते को गंतव्य IP पते और FF के मैक पते को सूचीबद्ध करता है: FF:FF:FF:FF:FF:FF (ईथरनेट प्रसारण) । स्विच सभी इंटरफेस (आने वाले इंटरफ़ेस को छोड़कर) को आगे बढ़ाएगा। सेगमेंट के प्रत्येक डिवाइस को पैकेट प्राप्त होगा, लेकिन क्योंकि गंतव्य IP पता होस्ट B का IP पता है, केवल होस्ट B ARP उत्तर पैकेट के साथ उत्तर देगा, इसके मैक पते को सूचीबद्ध करेगा। होस्ट A के पास अब B को होस्ट करने के लिए ट्रैफ़िक भेजने के लिए पर्याप्त जानकारी है।

सभी ऑपरेटिंग सिस्टम एआरपी कैश को बनाए रखते हैं जो एआरपी अनुरोध संदेश भेजने से पहले जांचे जाते हैं। हर बार एक मेजबान को लैन पर दूसरे होस्ट को एक पैकेट भेजने की आवश्यकता होती है, यह पहले सही IP पते और मिलान ARP पते के लिए अपने ARP कैश की जांच करता है। पते कुछ मिनट के लिए कैश में रहेंगे। आप Arp -a कमांड का उपयोग करके Windows में ARP प्रविष्टियाँ प्रदर्शित कर सकते हैं:

आईपी एड्रेस क्या है | What is an IP Address in Hindi

क्या आप जानना चाहते है, आईपी एड्रेस क्या है (What is IP Address in Hindi), आईपी एड्रेस की हमें आवष्यकता क्यों है, इसकी वर्गीकरण, प्रकार, आईपी एड्रेस कैसे काम करता है और आप कैसे आपकी आईपी एड्रेस की सुरक्षा कर करते है ।

तो चलिए आईपी एड्रेस के बारे में विस्तार से जानते है ।

Table of Contents

आईपी एड्रेस क्या है (What is an IP Address in Hindi) ?

IP का पूरा नाम Internet Protocol है । इंटरनेट पर प्रत्येक मशीन को एक अनूठा पता सौंपा गया है जो इंटरनेट या स्थानीय नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करता है जिसे आईपी एड्रेस (IP Address) कहा जाता है ।

इंटरनेट प्रोटोकॉल, इंटरनेट या लॉकेल नेटवर्क के माध्यम से ARP क्या है और यह कैसे काम करता है भेजे गए डेटा के प्रारूप को नियंत्रित करने वाले नियमों का समूह है ।

आईपी एड्रेस या पते 32 बिट नंबर के होते हैं, सामान्य रूप से एक बिदीदार दशमलव संख्या (dotted decimal number) में (four octets) के रूप में व्यक्त किया गया होता है ।

आईपी पते पहचानकर्ता हैं जो नेटवर्क पर उपकरणों के बीच सूचना भेजने की सुविधा प्रदान करता हैं, उनमें स्थान की जानकारी होती है और संचार के लिए उपकरणों को सुलभ बनाती है ।

Example of IP Address: 192.158.1.38

इंटरनेट प्रोटोकॉल का प्राथमिक उदेश्य संचार को नेटवर्क के बीच सक्षम करना है । एक आईपी एड्रेस में 32 बिट आईपी पते होते हैं जिसमें वास्तव में दो भाग होते हैं ।

  • The Network ID (or network address)
  • The Host ID (or host address)

Network ID – यह उस नेटवर्क की पहचान करता है जिस पर एक होस्ट कंप्यूटर पाया जा सकता है ।
Host ID – यह नेटवर्क पर नेटवर्क आईडी द्वारा इंगित किया गया एक विशिष्ट डिवाइस की पहचान करता है ।

आईपी एड्रेस की हमें आवश्यकता क्यों है (Why do we need IP addresses) ?

इंटरनेट को विभिन्न कंप्यूटरों, राउटरों और वेबसाइटों के बीच अंतर करने के लिए एक तरीके की आवश्यकता है । आईपी एड्रेस ऐसा करने का एक तरीका प्रदान करते हैं और इंटरनेट कैसे काम करता है इसका एक अनिवार्य हिस्सा बनाते हैं ।

आईपी एड्रेस वे नंबर हैं जो हमार कंप्यूटर, सर्वर, टेलीफोन, कैमरा और प्रिंटर जैसे उपकरण को एक दूसरे के साथ संवाद करने के लिए सक्षम करते हैं ।

आईपी पते के बिना, हम डेटा को एक दूसरे को ऑनलाईन के माध्यम से नहीं भेज सकते है । कोई स्टीमिंग वीडियो साइट भी नहीं होगी ।

सबसे बूरी बात यह है कि हम ऑनलाइन आइटम ऑर्डर नहीं कर पाएंगे और हमें स्टोर पर जाना होगा उन्हें व्यक्तिगत रूप से खरीदने के लिए ।

आईपी एड्रेस का वर्गीकरण क्या है (Classification of IP Address) ?

  • Public IP Address
  • Private IP Address
  • Static IP Address
  • Dynamic IP Address

आईपी एड्रेस कितने प्रकार होते है (Types of IP Address) ?

आईपी एड्रेस कैसे काम करता है (How does an IP Address works) ?

आईपी एड्रेस कैसे काम करता है इसको समझने से पहले आपको यह समझना आवश्यक है कि बाइनरी नंबरिंग सिस्टम कैसे काम करता है क्योंकि बाइनरी आईपी एड्रेस का आधार है ।

बाइनरी नंबरिंग सिस्टम क्या है (What is Binary Number System) ?

एक साधारण दशमलव संख्या सिस्टम में जिसे अधिकांष लोग उपयोग करते है, उसमें दस अंको 0-9 तक के संख्या का उपयोग करते है ।

बइनरी नंबर सिस्टमे में, आपके ARP क्या है और यह कैसे काम करता है पास दस अंको के बजाय केवल दो अंक 0 और 1 होते है, जिनका आप उपयोग कर सकते हैं ।

इसलिए बइनरी नंबर कुछ इस तराह 110011, 101111 और 100001 जैसे दिखते हैं ।

आईपी एड्रेस के प्रक्रिया हमें दिखाई नहीं देता है, लेकिन यह कुछ इस तरह काम करता है :-

अपने आईपी एड्रेस का पता कैसे लगांए (How do locate your IP address) ?

यदि आपका कंप्यूटर आपके लॉकेल नेटवर्क और इंटरनेट दोनों से जुड़ा है, तो उसके पास दो आईपी पते होंगे । आपके पास स्थानीय रूप से एक निजी आईपी पता और इंटरनेट पर एक सार्वजनिक आईपी एड्रेस होगा ।

आईपी एड्रेस की सुरक्षा कैसे करते है (How to protect an IP Address) ?

मैक और आईपी एड्रेस के बीच क्या अंतर है (Difference between MAC and IP addresses) ?

MAC AddressIP Address
MAC एड्रेस यह सुनिश्चित करता है कि कंप्यूटर का फेजिकल एड्रेस यूनीक है ।आईपी एड्रेस कंप्यूटर का एक लॉजिकल एड्रेस है और इसका उपयोग नेटवर्क के माध्यम से जुड़े कंप्यूटर का यूनीक रूप से पता लगाने के लिए किया जाता है ।
ARP प्रोटोकॉल का उपयोग करके मैक एड्रेस को पुनः प्राप्त किया जा सकता है ।RARP प्रोटोकॉल का उपयोग करके आईपी एड्रेस ARP क्या है और यह कैसे काम करता है को पुनः प्राप्त किया जा सकता है ।
MAC एड्रेस डेटा लिंक लेयर में काम करता है ।आईपी एड्रेस नेटवर्क लेयर में काम करता है ।
MAC एड्रेस केवल डिवाइस की पहचान करने में मदद करता है ।आईपी एड्रेस नेटवर्क पर डिवाइस के कनेक्शन की पहचान करता है ।
MAC एड्रेस हार्डवेयर ओरिएंटेड है ।आईपी एड्रेस सॉफटवेयर ओरिएंटेड है ।

निर्ष्कष – Conclusion

मुझे आशा है इस पोस्ट से आपने आईपी एड्रेस के बारे में अच्छे से हिन्दी में जानकारी प्राप्त कर लिया है ।

अगर फिर भी आईपी एड्रेस को लेकर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमें टिप्पणी अनुभाग के जरीए पुछ सकते है ।

Protocol क्या है? इसके प्रकार, उपयोग और फायदे? Meaning of Protocol in Hindi

यदि आप जानना चाहते हैं की computer network में protocol क्या होता है? (What is Protocol in Hindi), यह कितने प्रकार के होते हैं, इसका क्या मतलब है (meaning of protocol in Hindi) इसके क्या उपयोग और क्या फायदे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं इस article को पढने के बाद आप नेटवर्क प्रोटोकॉल को अच्छी तरह से समझ पायेंगे।

प्रोटोकॉल शब्द का मतलब है “नियमों का समूह” जिस प्रकार से किसी भी सिस्टम को सही ढंग से चलाने के लिए कुछ नियम बनाये जाते हैं ठीक वैसे ही डिजिटल कम्युनिकेशन यानी नेटवर्क के जरिये डाटा के आदान-प्रदान के लिए भी कुछ नियम बनाये गये हैं जिसे ही प्रोटोकॉल कहा जाता है।

Protocol क्या है? (What is Protocol in Hindi?)

protocol kya hai?

चलिए protocol की meaning को थोड़ा विस्तार से हिंदी में समझते हैं। कंप्यूटर नेटवर्क में सूचनाओं के सही तरीके से आदान-प्रदान के लिए कुछ नियम बनाये गये हैं इन नियमों के समूह को प्रोटोकॉल कहा जाता है।

किसी नेटवर्क से जुड़े डिवाइस आपस में कैसे communicate करेंगे, उनके बीच डाटा किस format में और किस तरह से ट्रान्सफर होगा और डाटा receive होने के बाद क्या होगा यह protocol द्वारा ही निर्धारित होता है।

यह ठीक यातायात नियमों की तरह ही है, जिस प्रकार से रोड के माध्यम से एक स्थान से दुसरे ARP क्या है और यह कैसे काम करता है स्थान जाने के लिए हमें ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना पड़ता है ठीक उसी तरह किसी नेटवर्क में डाटा के सुरक्षित ट्रान्सफर के लिए नियम बनाये गये हैं जिसे network protocol के नाम से जाना जाता है।

बिना प्रोटोकॉल के कोई भी कंप्यूटर नेटवर्क ठीक तरह से काम नही कर सकता यहाँ तक की इसके बिना इंटरनेट की कल्पना भी नही की जा सकती।

आपने अपने ब्राउज़र के address bar में किसी भी URL से पहले http:// या https:// जरुर लिखा हुआ देखा होगा, दरअसल यह भी एक प्रकार का नेटवर्क प्रोटोकॉल है जो की सर्वर से किसी वेबसाइट या वेबपेज को लाकर आपके कंप्यूटर स्क्रीन परदिखाने में आपकी मदद करता है।

प्रोटोकॉल का क्या उपयोग है? (Use of Internet Protocol in Hindi)

Protocol कई प्रकार के होते हैं और सभी के काम करने का तरीका अलग-अलग होता है इसलिए जरूरत के अनुसार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार के प्रोटोकॉल उपयोग किये जाते हैं।

प्रोटोकॉल के कुछ common uses इस प्रकार हैं:

  • नेटवर्क में दो devices आपस में कैसे जुड़ेंगे इसका निर्धारण करना
  • डाटा ट्रान्सफर का method तय करना
  • डाटा का structure या format निर्धारित करना
  • Transmission की speed तय करना
  • किसी एरर के आने पर उसे मैनेज करना

प्रोटोकॉल के प्रकार (Types of Protocol in Hindi)

कंप्यूटर नेटवर्किंग के लिए सॉफ्टवेर तथा हार्डवेयर लेवल पर कई प्रकार के प्रोटोकॉल उपयोग किये जाते हैं जिनमे से कुछ common network protocols कुछ इस प्रकार से हैं:

TCP (Transmission Control Protocol):

इसका काम इन्टरनेट पर data transfer करने के लिए होता है। यह डाटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित करके नेटवर्क के जरिये destination तक send कर देता है जहाँ इसे वापस जोड़ लिया जाता है।

IP (Internet Protocol):

आपने IP address के बारे में आपने जरूर सुना होगा यह TCP के साथ मिलकर काम करता है packets को ट्रान्सफर करने के लिए IP का उपयोग एक तरह से addressing के लिए किया जाता है जिसके जरिये final destination तक data को पहुँचाया जाता है।

HTTP (HyperText Transfer Protocol):

यह client और server के बीच connection स्थापित करता है और world wide web पर document exchange करने के काम आता है। आप अपने browser पर किसी website को इसी प्रोटोकॉल की मदद से access कर पाते हैं। इसके बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़ें: HTTP और HTTPS क्या है? ये कैसे काम करते हैं? दोनों में क्या अंतर है?

FTP (File Transfer Protocol):

इसका use client और FTP server के बीच फाइल ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है। किसी अन्य method के मुकाबले FTP द्वारा तेज़ गति से फाइल ट्रान्सफर किया जा सकता है। एफटीपी के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यह पढ़ें: FTP क्या है? यह कैसे काम करता है?

SMTP (Simple Mail Transfer Protocol):

जैसा की नाम से पता चल रहा है इसका उपयोग इन्टरनेट पर ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए होता है। जब आप अपने डिवाइस से मेल सेंड करते हैं तो वह SMTP के जरिये मेल सर्वर तक पहुँचता है।

Telnet:

किसी एक कंप्यूटर को दूर बैठ कर किसी अन्य कंप्यूटर से संचालित किया जा सकता है इसके लिए remote login की जरुरत होती है और इस प्रकार के connection ARP क्या है और यह कैसे काम करता है को establish करने के लिए telenet protocol का उपयोग होता है। Teamviewer software इसका एक अच्छा उदाहरण है।

Ethernet Protocol:

इस प्रोटोकॉल का बहुत ज्यादा उपयोग होता है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस आदि में LAN connection का उपयोग होता है और इस प्रकार के कनेक्शन के लिए Ethernet का use किया जाता है किसी computer को LAN से connect करने के लिए उसमे Ethernet Network Interface Card (NIC) होना जरूरी होता है।

इसके अलावा और भी कई सारे network protocols हैं जैसे:

  • IMAP (Internet Message Access Protocol)
  • POP (Post Office Protocol)
  • UDP (User Datagram Protocol)
  • MAC (Media Access Control protocol)
  • ARP (Address Resolution Protocol)
  • DNS (Domain Name System protocol)
  • IGMP (Internet Group Management Protocol)
  • SSH (Secure Shell)
  • SSL (Secure Sockets Layer)

प्रोटोकॉल के क्या फायदे हैं? (Advantages of Protocol)

    ARP क्या है और यह कैसे काम करता है
  • अलग-अलग hardware को नेटवर्क से जोड़ना और उनके बीच information share करना और instruction देना काफी मुश्किल काम होता है इसके लिए जरूरी है की sender और receiver दोनों एक ही language में communicate करें और यह काम प्रोटोकॉल द्वारा ही संभव है।
  • इसके international standard की वजह से कई सारे computers को एक साथ जोड़ा जा सकता है और उनके बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में स्थित क्यों न हों।
  • प्रोटोकॉल की वजह से maintenance और installation का काम भी आसान हो जाता है।

प्रोटोकॉल के क्या नुकसान हैं? (Disadvantages of Protocol)

  • जहाँ प्रोटोकॉल का international standard होना फायदेमंद हैं वहीँ इसके standard में कुछ कमियां हों तो यह एक international समस्या भी बन सकता है।
  • Fixed standard होने की वजह से सभी companies और manufacturers को इसे follow करना होता है और इसकी वजह से खुद की कोई नयी technique use करने में परेशानी आ सकती है।

उम्मीद है network protocol के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि आप कोई सवाल पूछना या सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट के माध्यम से अपनी बात हम तक जरूर पहुंचाएं।

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