शेयर बाज़ार

शेयर बाज़ार में कई शेयरों से निवेशकों को हुआ भारी नुकसान
सदभाव इंजीनियरिंग एवं एसआरईआई इंफ्रा के शेयर में निवेशकों का पैसा डूबा
उदयपुर। बीएसई सेंसेक्स पिछले पांच वर्षों में 17 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा है, 110 प्रतिशत से अधिक रिटर्न भी निवेशकों को है लेकिन उसी समय के दौरान, कुछ निवेशक स्टॉक चुनने में विफल रहे और जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। अगर देखा जाए तो रिलायंस कैपिटल के शेयर, 2017 में 850 रूपये से अधिक की कीमत पर कारोबार कर रहे थे जो अब वर्तमान में केवल 13 रूपये पर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे ही एसआरईआई इंफ्रा, और सदभाव इंजीनियरिंग शेयरों ने भी निवेशकों को निराश ही किया है। एसआरईआई इंफ्रा आज 10 रुपये से नीचे ट्रेड कर रहे है।
सदभाव इंजीनियरिंग एक कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनी है जो नहरों, सिंचाई परियोजनाओं, सडक़ों, पुलों, खनन परियोजनाओं, बांधों आदि के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करती है। जनवरी 2018 में, कंपनी का शेयर 400 रुपए से ऊपर कारोबार कर रहा था। वर्तमान समय में कंपनी के स्टॉक 50 रुपए से कम पर ट्रेड कर रहे हैं। यानि कंपनी की संपत्ति को 85 प्रतिशत से अधिक का घाटा हुआ है। स्टॉक का डाउनट्रेंड इसी का परिणाम है। ईपीसी कंपनी को इस साल जून की तिमाही में 1.5 बिलियन का घाटा हुआ। पिछली दस तिमाहियों में से यह नौंवा शेयर बाज़ार घाटा था।
फि़लहाल कंपनी अपनी संपत्तियों के माध्यम से पूंजी जुटाकर अपना काम जारी रखने का प्रयास कर रही है और हर संभव तरीके से धन जुटाकर अपने व्यापार को पहले की तरह बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। सदभाव इंजीनियरिंग ने अपनी कार्यशील पूंजी सीमा और ऋण दायित्वों को लगभग समाप्त कर दिया है। कंपनी ने मार्च 2021 की तिमाही में IndInfravit Trust में 7 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचकर लगभग 9.9 बिलियन रुपए जुटाए। इस पैसे का शेयर बाज़ार इस्तेमाल 6.9 बिलियन रुपए के एनसीडी के पुनर्भुगतान और एचएएम परियोजनाओं के लिए 2.7 बिलियन रुपए की इक्विटी प्रतिबद्धता के लिए किया गया था। 87.4 प्रतिशत प्रमोटर शेयरों को गिरवी रखा गया है, और कंपनी पर 4900 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज भी है।
खुलते ही शेयर बाज़ार में जबर्दस्त गिरावट, सेंसेक्स 1000 तो निफ़्टी में 250 प्वाइंट का नुकसान
निफ्टी में लिस्टेड 50 कंपनियों में से 49 के शेयर में गिरावट दर्ज, आज आने वाले महंगाई के शेयर बाज़ार आंकड़ों से सहमा बाज़ार, रुपये में भी रिकॉर्ड गिरावट दर्ज, डॉलर के मुकाबले 77.55 पर पहुंचा रुपया
नई दिल्ली।
घरेलू शेयर बाज़ार में गुरुवार, 12 मई को खुलते ही तेज गिरावट दर्ज की गई। शुरूआती कारोबार में ही बॉम्बे स्टॉक शेयर बाज़ार एक्सचेंज का सेंसेक्स 1000 प्वॉइंट तक गिर गया वहीं, निफ्टी को भी 250 अंकों का बड़ा नुकसान हुआ है। शुरूआती सत्र में ही शेयर बाज़ार में तेज गिरावट से कोहराम मच गया। चौतरफा बिकवाली से सेंसेक्स में सुबह के वक़्त 1.59 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। 857.35 प्वॉइंट के साथ शुरूआती सत्र में ही सेंसेक्स 53231 प्वॉइंट के स्तर पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, निफ्टी 266.80 प्वॉइंट गिरकर 15,900 के स्तर पर आ गया था।
सेंसेक्स में लिस्टेड तमाम बड़ी कंपनियों के शेयर आज खुलते ही लाल निशान पर चल रहे थे। आज गिरावट दर्ज करने वाले प्रमुख शेयर में अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, एम एंड एम, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व शेयर बाज़ार और लार्सन ऐंड टुब्रो जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर शामिल हैं। जबकि निफ्टी में पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक और पंजाब व सिंध बैंक के शेयर को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। निफ्टी में मेटल, फाइनैंस और ऑटो कंपनियों के शेयर में 2-2 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी थी।
शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि आज महंगाई के आंकड़े आने वाले हैं और इसमें जोरदार बढ़ोत्तरी होने के डर से ही घरेलू शेयर बाज़ार में इतनी तेज गिरावट दर्ज की गई है। हालाँकि पिछले 5 दिनों से शेयर बाज़ार में लाल निशान छाया हुआ है लेकिन उसमे आज बाज़ार के खुलते ही हड़कंप मच गया। गुरुवार को शुरूआती सत्र में निफ्टी में लिस्टेड 50 कंपनियों में से 49 के शेयर में गिरावट दर्ज की गई। इन सभी कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। निफ्टी में एकमात्र ONGC का शेयर हरे निशान में दिखाई दे रहा था। निफ्टी में लिस्टेड बजाज फाइनेंस और अडानी शेयर बाज़ार पोर्ट्स के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही थी।
गुरुवार को एक बार फिर रूपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले मंगलवार को इसमें ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई थी। सुबह के शुरूआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपये में 30 पैसे की गिरावट आई है और एक डॉलर के मुकाबले में रूपया 77.55 पर पहुंच गया है। आज आने वाले महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और कच्चे तेल के दाम में उछाल से निवेशक आशंकित है और बाज़ार से दुरी बनाये हुए हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण से शेयर बाज़ार खुलते ही धड़ाम से गिर गया है।
भास्कर ओपिनियन रोटी महंगी हुई: गेहूं के दाम आसमान पर, व्यापारियों को मुनाफा होगा, किसान की फसल आते ही दाम घट जाएंगे
शेयर बाज़ार साल के उच्चतम स्तर पर चला गया है। रुपए में शेयर बाज़ार भी डॉलर के मुक़ाबले काफ़ी सुधार हुआ है। लेकिन पीड़ा की बात यह है कि गेहूं के दाम भी उच्चतम स्तर पर पहुँच गए हैं। 2842 रु. क्विंटल। पीड़ा इसलिए कि इस देश ने कभी किसानों का भला सोचा ही नहीं।
कह सकते हैं कि ऐसी मानसिकता ही विकसित नहीं हो पाई। पेट्रोल और डीज़ल के दामों में आग लग जाए, हमें कोई चिंता नहीं होती। मितव्ययिता तक नहीं बरतते। उतना ही घूमते- फिरते हैं। उतनी ही रेस लगाते फिरते हैं लेकिन गेहूं के दाम बढ़ते ही हमें दिक़्क़त होने लगती है। जबकि इस मूल्यवृद्धि से किसान का कोई लेना देना ही नहीं होता। उसे तो इसका फ़ायदा भी नहीं मिलता।
आज जब गेहूं के भाव आसमान पर हैं तब उसने गेहूं बोया है। अक्सर दीवाली के बाद ही देश में गेहूं बोया जाता है। तीन महींने में फसल आ जाएगी। तब तक गेहूं सस्ता हो जाएगा। किसान तो वही दो हज़ार रुपए क्विंटल के भाव में ही इसे बेच पाएगा। उसका खाद, दवा आदि सब कुछ महँगा हो जाएगा, इसकी चिंता किसी को नहीं है। सरकार को तो बिलकुल नहीं।
अभी जो दामों में बढ़ोतरी हुई है उसका फायदा तो केवल व्यापारी को ही होना है। जो होकर रहेगा। दरअसल, रिपोर्ट बताती है कि इस बार सरकार का गेहूं स्टॉक लगभग आधा रह गया है। ज़ाहिर है व्यापारियों के पास बेइंतहा गेहूं रखा होगा। कालाबाजारी में वे माहिर होते हैं। अनाज को साल-छह महीने रोके रखने की उनमें क्षमता भी होती है।
सो बढ़ गए गेहूं के भाव। बल्कि कहा यह भी जा सकता है कि व्यापारियों ने अपना मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए ही गेहूं को इस स्तर पर पहुँचाया होगा। अगर सरकार अपने हिस्से की पूरी खरीदी कर लेती तो ये दिन देखने को नहीं मिलते। जहां तक सरकार की ख़रीदी के हाल हैं, वे तो असहनीय पीड़ा से गुजरने जैसे होते हैं।
पहले अपने रकबे की फसल बेचने के लिए नंबर लगाओ। फिर नंबर जल्दी आ जाए, इसके लिए बाबू को पैसे खिलाओ। जब नंबर आ जाए तो तीन- तीन दिन किसान गोदाम के आगे ट्रैक्टर लगाकर वहीं सोना, वहीं खाना, नहाना शेयर बाज़ार करता रहता है, फिर भी ख़रीद मंडियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। वे अपनी ही चींटी की टांग वाली चाल से चलती रहती हैं। यहाँ तक कि थक - हार कर किसान उन हम्मालों को भी पैसा खिलाता शेयर बाज़ार है जो उसका गेहूं तौलते हैं। …और यह पूरी प्रक्रिया फिर हम्मालों की पूजा-अर्चना करने के बाद बाक़ायदा संपन्न होती है।
क्या सरकार, उसके मंत्री, कलेक्टर और बाक़ी अफ़सरों को यह ऊबाऊ और भ्रष्ट परम्परा नज़र नहीं आती? लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि खाए हुए पैसों का हिस्सा ऊपर तक जाता है। अब इस ऊपर तक का कोई हिसाब- किताब तो है नहीं जो कहा जा सके कि कितना ऊपर! यक़ीनन किसानों के इस उपहास से मुक्ति का रास्ता खोजना चाहिए। जय जवान, जय किसान का नारा देने वाली सरकारें केवल नारा देकर सो जाती हैं और लाचार किसान बरसों बरस इसकी सजा भुगतता रहता है। यह सजा बंद होनी चाहिए।
Share Market हरे निशान में बंद- किन शेयरों ने बनाया मुनाफा, किससे हुआ नुकसान?
Stock Market News: शेयर मार्केट में तेजी, सेंसेक्स 107.73 अंक चढ़ा, Nifty 18,409.65 पर बंद
Stock Market News Update Today: भारतीय में बुधवार, 16 नवंबर को बढ़त देखने को मिली, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान में बंद हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 107.73 अंक मजबूत होकर 61,980.72 पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 6.25 अंक बढ़कर 18,409.65 पर बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 39 पैसे गिरकर 81.30 पर बंद हुआ.
किन शेयरों से सबसे अधिक मुनाफा?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी पर सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, कोल इंडिया, HDFC बैंक, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज और HUL के शेयर शामिल थे.
कौन से शेयर सबसे अधिक टूटे?
दूसरी तरफ निफ्टी पर अपोलो हॉस्पिटल्स, अडानी एंटरप्राइजेज, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अडानी पोर्ट्स और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर सबसे अधिक टूटे हैं.
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Promoter ने खरीदे ₹23 करोड़ के शेयर, शेयर भागा रॉकेट की तरह, यहा से जाने कंपनी का नाम
जी हा इस कंपनी मे promoter ने खुले बाज़ार से 23 करोड़ से भी ज्यादा के शेयर खरीदे है। इसी दिन इस कंपनी का शेयर रॉकेट की तरह भागा है। आज हम आपको इसी के बारे मे जानकारी देने वाले है। तो चलिए जान लेते है कौनसी है यह कंपनी?
Promoter ने खरीदे ₹23 करोड़ के शेयर :
Bombay Stock Exchange पर से मिली जानकारी के मुताबिक 15 नवंबर यानी कल के दिन मे इस कंपनी के promoter ने खुले बाज़ार से कंपनी के करीब 1 लाख 47 हजार 481 शेयर खरीदे है। इन शेयर की value करीब 23.8 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की है। मतलब की promoter ने इस कंपनी मे खुले बाज़ार से ही 23.8 करोड़ रुपए की ख़रीदारी की है।
BSE के मुताबिक इतनी बड़ी ख़रीदारी करने वाले Promoter का नाम है Vimal Kumar जो की कंपनी के promoter और director दोनों है। जिस कंपनी मे इनहोने बड़ी ख़रीदारी करी है उस कंपनी का नाम है Best Agrolife Ltd।
शेयर भागा रॉकेट की तरह :
Promoter की ख़रीदारी करने के 1 दिन पहले मतलब की 14 नवंबर के दिन Best Agro Life share price 1547 रुपए था। जो की कल के दिन मे intraday मे 1699 रुपए का high बनाकर आखिर मे 1662 रुपए पर बंद हुआ था। जो की 14 नवंबर के दिन के closing price 1547 रुपए से करीब 7.44% ऊपर था। मतलब की इस कंपनी के शेयर शेयर बाज़ार मे सिर्फ कल के 1 ही दिन मे 7.44% का उछाल देखने को मिला है।
यदि कंपनी के नतीजो की बात करे तो सितंबर तिमाही मे कंपनी का मुनाफा करीब 130 करोड़ रुपए का रहा। यह मुनाफा पिछले वित्तवर्ष की इसी तिमाही मे सिर्फ 25 करोड़ रुपए का था। मतलब की साल दर साल के हिसाब से कंपनी का मुनाफा करीब 5 गुना से भी ज्यादा हुआ है। वही तिमाही दर तिमाही के हिसाब से भी कंपनी का मुनाफा 40 करोड़ मे से 130 करोड़ मतलब की 3 गुना से भी ज्यादा हुआ है।
निष्कर्ष:
तो दोस्तो Best Agrolife Ltd है वह कंपनी जिसमे promoter ने खुले बाज़ार से 23.8 करोड़ रुपए के शेयर खरीदकर निवेश किया है।
Note : यहाँ पर लिए गए किसी भी शेयर के नाम सिर्फ आपको जानकारी देने के लिए ही है। हम किसी भी कंपनी मे निवेश करने की सलाह नहीं दे रहे है।
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By Gaurav
Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।