क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं

ईथर और एथेरियम को ब्लॉकचेन कार्यान्वयन का अगला चरण होने की उम्मीद है। कुछ मूलभूत वस्तुएं हैं जिन्हें आपको समझना होगा कि फ़्लिपिंग होने के लिए बाज़ार को भी आकलन करना होगा। आइए हम इस पर एक नजर डालते हैं।
‘फ्लिपिंग’ क्या है? विस्तार से जानिए
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क्रिप्टोकरेंसी एक क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं डिजिटल संपत्ति है जो एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करती है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ , एक सिक्के का व्यक्तिगत स्वामित्व एक लेज़र में संग्रहीत किया जाता है। कई क्रिप्टोकरेंसी हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं। जिसमे बिटकॉइन और एथेरियम सबसे आम क्रिप्टोकरेंसी में से हैं। आमतौर पर , एथेरियम की तुलना में बिटकॉइन का किराया बाजार में उच्च दर पर होता है। हालांकि , काल्पनिक स्थिति जहां एथेरियम का कुल मार्केट कैप बिटकॉइन की कुल मार्केट कैप से अधिक होगा , उसे “ फ्लिपिंग ” कहा जाता है। इस लेख में , हम बिटकॉइन , एथेरियम और फ़्लिपिंग अर्थ पर विस्तार से एक नज़र डालेंगे।
फ्लिपिंग क्या है?
फ़्लिपिंग शब्द वर्ष 2017 में आया था। फ़्लिपिंग अनिवार्य रूप से उस संभावित क्षण को संदर्भित करता है जब एथेरियम बिटकॉइन से ऊपर होगा और दुनिया की सबसे क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन जाएगा। अब तक , बिटकॉइन आविष्कार किया जाने वाला पहला क्रिप्टोकरेंसी था। शुरुआत से लेकर अब तक इसका सबसे बड़ा मार्केट कैप रहा है। हालांकि , 2018 की शुरुआत में , इसने एक हिट लिया और कुछ बाजार संकेतो से कम हो गया। इसने कई निवेशकों में इस विचार को जन्म दिया कि फ़्लिपिंग हो सकती है। कई लोग फ़्लिपिंग की उम्मीद क्यों कर रहे थे, इसका एक मुख्य कारण यह है कि एथेरियम को अधिक लचीला माना जाता है और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट लिखने की संभावना सहित कई अन्य फायदे भी हैं। इससे पहले कि हम फ़्लिपिंग में गहराई तक जाएं , आइए हम बिटकॉइन और एथेरियम पर एक नज़र डालें।
'भारतीय निवेशक'
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष कई चुनौतियां हैं और मौजूदा वैश्विक स्थिति में विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपनाए हुए हैं.
Business | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: तूलिका कुशवाहा |मंगलवार अगस्त 2, 2022 02:05 PM IST
भारतीय रुपये ने पिछले महीने 80 रुपये प्रति डॉलर के साथ अपना सर्वकालिक निचला स्तर देखा था. पिछले दिनों में इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी दिखाई है, मंदी के आसार के बीच बाजार में निवेशक सतर्क हैं, जिससे डॉलर कमजोर हुआ है. हालांकि, 80 डॉलर तक गिरने के बाद विश्लेषकों ने आशंका जताई थी कि रुपया 82 प्रति डॉलर के पार जा सकता है. मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में रुपये को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि रुपया पस्त नहीं हुआ है, और इसमें उतार-चढ़ाव डॉलर के मूवमेंट की वजह से आ रहा है.
रीट और इनविट में निवेश कर रहे हैं? पहले इन्हें अच्छी तरह से जान लें
रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट यानी रीट ऐसी स्कीमें हैं जो निवेशकों से पैसा जुटाकर उसे रियल एस्टेट में निवेश करती हैं.
क्या हैं रीट?
रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट यानी रीट ऐसी स्कीमें हैं जो निवेशकों से पैसा जुटाकर उसे रियल एस्टेट में निवेश करती हैं. रीट की 80 फीसदी रकम को इनकम जेनरेट करने वाली प्रॉपर्टियों में निवेश किया जाता है. साथ ही 90 फीसदी जेनरेट हुई रकम को डिस्ट्रीब्यूट करने की जरूरत होती है. लिहाजा, यह रेगुलर इनकम का अच्छा विकल्प है.
क्या हैं इनविट?
इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट यानी इनविट रीट जैसा ही है. लेकिन, क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं इसका निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों तक सीमित होता है. इन प्रोजेक्टों में सड़क, पुल, पावर ग्रिड इत्यादि शामिल हैं. इन दोनों रूटों को हाल के बजट में ज्यादा इंवेस्टर फ्रेंडली बनाया गया है. ऐसे में आने वाले महीनों में और ज्यादा रीट और इनविट बाजार में दस्तक दे सकते हैं.
भारत में Crypto का भविष्य क्या? इस एक बिल से प्रभावित होंगे 40 करोड़ लोग
- 40 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा Crypto बिल
- GDP का 3% और भारत के बजट का 17% पैसा Crypto में
- भारत में क्रिप्टो कंपनियों ने छापे करोड़ों-अरबों रुपये
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40 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा बिल
लेकिन ये सब कयास हैं क्योंकि सरकार ने अभी औपचारिक रूप से स्पष्ट नहीं किया है कि Crypto Currecny पर लाए जा रहे नए बिल में क्या होगा? लेकिन एक बात स्पष्ट है कि जो भी फैसला सरकार लेगी, उसका असर भारत के उन 10 करोड़ लोगों पर जरूर पड़ेगा, जिन्होंने किसी ना किसी क्रिप्टो करेंसी में अपना पैसा निवेश किया हुआ है. अगर ऐसा मान लिया जाए कि एक परिवार में औसतन 4 से 5 सदस्य भी हैं तो ये बिल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भारत के 40 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा.
भारतीयों पर क्रिप्टो बैन का इतना असर
Crypto पर प्रतिबंध की खबर आने के बाद क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं से लोग उन एक्सचेंजेस की तरफ भी देख रहे हैं, जिनके जरिए भारत के लोगों ने Digital Currecny में 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं. हालांकि Crypto Exchanges तो ये दावा भी करते हैं कि इस बाजार में क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं भारतीयों के 6 लाख करोड़ रुपये लगे हुए हैं. अगर ये बात सही है तो आप कह सकते हैं कि भारत की कुल GDP का 3% और भारत के वार्षिक बजट का 17% पैसा लोगों ने Crypto में लगा क्रिप्टो स्पेस में निवेशक कैसे पैसा कमा रहे हैं रखा है. भारत में इस समय करीब 10 ऐसे प्रमुख Crypto Exchanges हैं, जिनके जरिए लोग क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं या बेचते हैं. इसके बदले में ये Exchanges निवेशकों से फीस वसूलते हैं. हालांकि ये फीस बहुत मामूली होती है. लेकिन यही Crypto Exhanges की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है.
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साल 2021 कोविड महामारी के कारण उथल-पुथल भरा रहा। लेकिन कोरोना वायरस के कहर का शेयर बाजारों पर असर कुछ खास नहीं पड़ा। वास्तव में, 2021 वित्तीय बाजारों के लिए एक अच्छा वर्ष था। म्युचुअल फंड निवेशक 2021 में अपने निवेश से बेहद खुश थे। बीएसई सेंसेक्स ने इस साल पहली बार 50,000 का आंकड़ा तोड़ इतिहास रच दिया। यह ब्लॉकबस्टर आईपीओ का साल भी रहा। जैसे ही हम नए साल (2022) में प्रवेश कर रहे हैं। विशेषज्ञ इन विकल्पों की सूची बनाते हैं जो निवेशक को 2022 में अधिक पैसा बनाने के लिए मदद कर सकते हैं।