क्रिप्टो रोबोट

जानिए बेंगलुरु के 'रोबोट रेस्टोरेंट' की खास बातें
रोबोट रेस्टोरेंट की खासियत यह है कि इसमें ग्राहक के टेबल पर खाना पहुंचाने का काम रोबोट करते हैं. रोबोट रेस्टोरेंट ने बेंगलुरु में अपना पहला रेस्त्रां खोला है.
चेन्नई और कोयंबतूर में सफल रहे हैं रोबोट रेस्टोरेंट
रोबोट रेस्टोरेंट का दावा है कि चेन्नई और कोयंबतूर में उसके रेस्त्रां को शानदार कामयाबी मिली है. इससे उत्साहित होकर कंपनी ने बेंगलुरु में रेस्त्रां खोलने का फैसला लिया.
एक साथ 50 लोग खा सकते हैं खाना
बेंगलुरु के इंदिरा नगर में खुले रोबोट रेस्टोरेंट में एक साथ 50 लोग खाना खा सकते हैं. वेटर की जगह रोबोट होने से यह रेस्त्रां लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है.
इस रेस्त्रां में क्या-क्या मिलता है?
रोबोट रेस्टोरेंट में मुख्य रूप से भारतीय-एशियाई व्यंजन मिलते हैं. इसका अलावा एग्जॉटिक मॉकटेल मेन्यू भी उपलब्ध है.
6 रोबोट की टीम सर्व करती है खाना
बेंगलुरु के रोबोट रेस्टोरेंट में 6 रोबोट की टीम ग्राहकों को खाना सर्व करेगी. हर टेबल पर एक टैबलेट होगा. इसके जरिए आप खाने का ऑर्डर दे सकते हैं.
जन्मदिन की शुभकामना भी देते हैं रोबोट
ये रोबोट आपसे बातचीत कर सकते हैं. जन्मदिन की शुभकामना देने के साथ खास मौकों पर ये रोबोट आपको बधाई संदेश भी देते हैं.
कर्मचारियों को मिली है खास ट्रेनिंग
रोबोट रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को रोबोट बनाने वाली कंपनी ने खास ट्रेनिंग दी है. इससे रोबोट से जुड़ी किसी तरह की दिक्कत होने पर कर्मचारी उसे ठीक कर सकते हैं.
Web Title : know-the-important-things-about-bengaluru-robot-restaurant
Hindi News from Economic Times, TIL Network
Elon Musk ने पेश किया इंसानों की तरह दिखने वाला रोबोट, करेगा कई काम, जानें कीमत
Tesla AI Day 2022 इवेंट में कंपनी ने अपने ह्यूमनॉइड रोबोट Optimus को भी शोकेस किया. इस रोबोट को इंसान की तरह बनाया गया है. ये आपके कई कामों को आसान बना देगा. यानी कई कामों में Tesla का ये रोबोट आपकी मदद करेगा. इसकी कीमत Tesla कार से कम हो सकती है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 02 अक्टूबर 2022, 10:57 AM IST)
आपने फिल्मों में इंसानों की तरह रोबोट जरूर देखा होगा! लेकिन, इसकी कल्पना अब महज फिल्मों तक सीमित क्रिप्टो रोबोट नही है. ह्यूमनॉइड रोबोट का सपना जल्द सच होने वाला है. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी Tesla ने ह्यूमनॉइड रोबोट Optimus को AI Day इवेंट में शोकेस किया.
ह्यूमनॉइड रोबोट यानी इंसानों की तरह दिखने वाला रोबोट. ये रोबोट कई तरह के कामों में आपकी मदद भी करेगा. इसका डिजाइन इंसानों की तरह बनाया गया है. अरबपति Elon Musk ने शोकेस के दौरान दावा भी किया कि रोबोट बिजनेस कार से ज्यादा होगी.
कई काम कर सकता है ये रोबोट
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फिलहाल इस रोबोट के प्रोटोटाइप को दिखाया गया है. इस रोबोट क्रिप्टो रोबोट ने स्टेज पर चलने के अलावा बैठे हुए ऑडियंस के सामने हाथ भी हिलाया. इसको लेकर एक वीडियो भी दिखाया गया. जिसमें रोबोट एक बॉक्स को उठा रहा है.
इसके अलावा वो पौधों में पानी भी दे रहा है. रोबोट ऑटोमेकर फैक्ट्री में मेटल बार को भी काफी आसानी से मूव कर पा रहा था. ये दिखाता है कि टेस्ला का ह्यूमनॉइड रोबोट Optimus कई कामों को आसानी से पूरा कर सकता है.
AI Day इवेंट का आयोजन टेस्ला ऑफिस, कैलिफोर्निया में किया गया. मस्क ने बताया कि उनका मकसद यूजफुल ह्यूमनॉइड रोबोट जल्द से जल्द तैयार करना है. मस्क ने इस रोबोट के बारे में सबसे पहले पिछले साल अगस्त में जानकारी दी थी.
अब इसके प्रोटोटाइप को दिखाया गया है. माना जा रहा है कि अगले साल से इसका प्रोडक्शन शुरू हो सकता है. टेस्ला ने सोशल मीडिया पर इसको टीज भी किया था. जिसमें मैटेलिक रोबोट अपने हाथों से हार्ट शेप बना रहा था.
कीमत 16 लाख रुपये
मस्क के अनुसार, लाखों Optimus को इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी प्रोड्यूस करेगी. इसको $20,000 (लगभग 16 लाख रुपये) में बेचा जाएगा. यानी इस रोबोट की कीमत टेस्ला कार से काफी ज्यादा कम होगी.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने आगे बताया कि कंपनी इसका ऑर्डर आने वाले 3 से 5 साल में लेने लगेगी. हालांकि, अभी इस रोबोट पर काफी काम करना बाकी है. लेकिन, मस्क का मानना है कि Optimus आने वाले 5 से 10 साल में अंचभित करने वाले रिजल्ट्स देने वाला है.
इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास
शेयर बाजार 28 अगस्त 2022 ,12:15
© Reuters. इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)। अभी तक स्कूल-कॉलेजों में केवल इंसान ही शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाता रहा है। लेकिन अब महिला रोबोट छात्र-छात्राओं को पढ़ा रही है, उन्हें शैक्षिक ज्ञान दे रही है। इस महिला रोबोट को बनाया है, यूपी के जौनपुर के शिक्षक दिनेश पटेल ने। यह महिला रोबोट 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम है। उनके इस काम की केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी पवई (मुंबई) ने सराहना की है। जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव निवासी केंद्रीय क्रिप्टो रोबोट विद्यालय के शिक्षक दिनेश ने इंसान जैसा रोबोट तैयार किया है, जिसका नाम शालू है। नौ भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम यह रोबोट कृत्रिम बुद्धि से लैस है। दिनेश ने बताया कि इस सत्र से शालू ने केंद्रीय विद्यालय पवई में कक्षाओं की शुरूआत कर दी है। पटेल ने बताया कि शालू कक्षा 6 से लेकर 11 वीं तक कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है। बच्चे भी उनसे पढ़कर काफी संतुष्ट हैं। अभी शालू तकरीबन 10 से 11 कक्षाएं ले चुकी हैं। इसका निर्माण कोरोना के पहले किया गया था, लेकिन पढ़ाने की शुरूआत इस सत्र से हुई है।
शिक्षक दिनेश ने बताया कि क्रिप्टो रोबोट शालू को अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज सहित 38 विदेशी भाषाओं के अलावा नौ भारतीय भाषाएं जिनमें हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बांगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल सकती है। उन्होंने आगे कहा, शालू विश्व की पहली मानवीय रोबोट है, जिसकी तुलना कई रोबोटिक्स इंजीनियरों द्वारा निर्मित बड़ी रोबोटिक्स प्रयोगशालाओं से आने वाले महंगे रोबोटों से की जा सकती है।
दिनेश ने बताया कि शालू को आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी धनबाद, एनआई टी दुगार्पुर, के.जे. सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड कॉमर्स, मुंबई, और पीआईएमआर इंदौर ने अपने टेक फेस्ट में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया, जहां उसने कंप्यूटर विज्ञान व रोबोटिक्स के शिक्षकों व विद्याथियों से बातचीत करने के साथ-सात उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
शिक्षक दिनेश पटेल ने बताया शालू की इसी खासियत के कारण उन्हें इस बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर न सिर्फ भाषण देने का मौका मिला, बल्कि उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। इसमें कार्मिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठा वल्र्ड रिकॉर्ड पुरस्कार दो दिसम्बर को दिया है।
दिनेश कहते हैं कि शालू को आसपास के अन्य स्कूलों ने भी पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया है। शालू को 16 अगस्त को एशिया के सबसे बड़े क्रिप्टो रोबोट अन्तरराष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
दिनेश ने बताया कि दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सोफिया रोबोट जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया। खास बात यह कि इसका निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी व एल्युमिनियम की वस्तुओं से किया गया है। इसे बनाने में तीन वर्ष का समय और 50 हजार रुपये की लागत आई है।
आईआईटी पवई, मुंबई के प्राचार्य मिथलेश सिंह ने रोबोट शालू की कक्षा का निरीक्षण भी किया। सिंह ने रोबोट शालू द्वारा विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाए जाने की सराहना की और बताया कि तकनीक व रोबोट के माध्यम से कक्षा में पढ़ाए जाने से बच्चे अति उत्साहित हैं, और उनका मानना है कि इससे शिक्षण तकनीकी शिक्षा को और गति मिलेगी।
यूपी के रहने वाले दिनेश पटेल ने एमसीए की पढ़ाई की है। वह मुंबई आईआईटी के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक हैं। फिल्म रोबोट से प्रभावित होकर उन्होंने मानवीय रोबोट बनाने की पहल की। हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया रोबोट उनकी प्रेरणा बनी।
इंसानों की तरह सीढ़ी चढ़ने वाला रोबोट, बीटेक के छात्रों ने मिलकर किया तैयार; निगरानी में भी होगा माहिर
रोबोटिक्स क्लब के फैकल्टी इंचार्ज ने प्रो. आनंद शर्मा ने बताया कि रोबोटिक्स क्लब छात्रों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने का प्रयास कर रहा है। अब एडवांस रोबोट बनाने की कोशिश की जा रही है। यह ह्यूमेनायड रोबोट इसी कड़ी का हिस्सा है।
मृत्युंजय मिश्र, प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के विद्यार्थियों ने ह्यूमेनायड रोबोट (यंत्र मानव ) बनाया है। यह रोबोट इंसानों की तरह ही उबड़-खाबड़ सतह पर संतुलन के साथ चल सकता है और सीढ़ियां भी चढ़ सकता है। जीपीएस की मदद से तय मार्ग पर चलकर मंजिल तक भी पहुंच सकता है। इंजीनियरिंग छात्रों के अनुसार कुछ बदलावों के बाद इसका प्रयोग निगरानी और रेस्क्यू मिशन में भी किया जा सकता है। ह्यूमेनायड रोबोट के सामने विषम परिस्थितियां पैदा कर इसके संतुलन को और बेहतर बनाया जा रहा है।
बीटेक के तीन ब्रांच के छात्रों ने मिलकर किया तैयार
एमएनएनआइटी के बीटेक की तीन ब्रांच इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के चार छात्रों के समूह ने इस ह्यूमेनायड रोबोट को बनाया है। इस टीम में इलेक्ट्रिकल एवं इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्र पुरुषोत्तम अग्रवाल लीड कर रहे हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के मेहुल सिंघल और अनुराग तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र विवांशु भी शामिल हैं। रोबोट बनाने के लिए धनराशि एमएनएनआइटी के एल्यूमनी फंड और संस्थान से मिली है।
17 स्थानों पर मुड़ सकता है
- यह रोबोट संकरी जगह में चलने के साथ ही मुड़ भी सकता है।
- आल टेरेन और 17 डिग्री आफ फ्रीडम की सुविधा से लैस है। यानी कि यह 17 स्थानों से मुड़ सकता है।
- इसका प्रोटोटाइप तैयार करने में 30 हजार रुपये का खर्च क्रिप्टो रोबोट आया है
. यह निगरानी में भी होगा माहिर
पुरुषोत्तम अग्रवाल ने बताया कि इसमें 27 एमएएच की लीथियम पालीमर बैटरी लगी है। एक बार चार्ज होने के बाद यह दो घंटे तक आपरेशन कर सकता है। किसी मिशन में यह बहुत ही तकनीकी सहयोग प्रदान कर सकता है। इसमें कैमरा लगाया जा सकता है, इससे यह निगरानी कर सकता है और लाइव फुटेज भी भेज सकता है। रोबोट तैयार करने वाली टीम के सदस्य ग्लोबल एल्युमनी कन्वेंशन में इसको पेश करने से पूर्व इसका परीक्षण कर रहे हैं।
रोबोटिक्स क्लब के फैकल्टी इंचार्ज ने प्रो. आनंद शर्मा ने बताया कि रोबोटिक्स क्लब छात्रों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने का प्रयास कर रहा है। अब एडवांस रोबोट बनाने की कोशिश की जा रही है। यह ह्यूमेनायड रोबोट इसी कड़ी का हिस्सा है। इसको लगातार अपडेट किया जा रहा है। कोशिश है कि रोबोट की नई तकनीकों उद्योगों और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी बनाई जा सकें।
Amazon in Crisis: अमेजन कर रहा 10 हजार कर्मचारियों को निकालने की तैयारी, इंसानों की जगह ले रहे रोबोट
Amazon in Crisis: ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी अमेजन (Amazon) करीब 10 हजार लोगों को जॉब से निकाल सकती है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले हफ्ते ही हजारों लोगों की जॉब जा सकती है. पिछली कुछ तिमाहियों में फायदा न होने की वजह से कंपनी ने यह फैसला लिया है.
खबर में खास
अमेजन के इतिहास की सबसे बड़ी छटनी
इंसानों की जगह रोबोट ले रहे जगह
अमेजन को आशंका है कि आर्थिक मंदी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में कंपनी को अपने खर्चे कम करना चाहिए. कंपनी ने पिछले हफ्ते ही हायरिंग फ्रीज करने की भी अनाउंसमेंट की थी. कई कर्मचारियों को दूसरी जगह नौकरी खोजने के लिए भी कहा गया था. हालांकि, अमेजन की ओर से छंटनी को लेकर अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है.
अमेजन के इतिहास की सबसे बड़ी छटनी
अमेजन के पास 31 दिसंबर 2021 के आंकड़े के मुताबिक, करीब 16 लाख से जयादा फुल टाइम और पार्ट टाइम एंप्लॉईज हैं. अगर कंपनी 10 हजार कर्मचारियों को एक साथ निकालती है, तो यह अमेजन के इतिहास में सबसे बड़ी छंटनी होगी. कुल मिलाकर कहा जाए तो कंपनी 1% कर्मचारी को निकालने की तैयारी में है.
इंसानों की जगह रोबोट ले रहे जगह
कंपनी काम करने के लिए कई यूनिट में रोबोट का इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. डिलीवर किए जाने वाले लगभग 3 चौथाई पैकेट इस समय किसी न किसी रोबोटिक सिस्टम से होकर गुजरते हैं.
अमेजन रोबोटिक्स के चीफ टाई ब्राडी ने कहा कि अगले 5 साल में पैकेजिंग में 100% रोबोटिक सिस्टम हो सकता है. उन्होंने संकेत दिया कि आगे चलकर इंसानी कर्मचारियों की जगह रोबोट ले लेंगे, लेकिन इसमें अभी काफी समय लगेगा. ब्राडी का कहना है कि कंपनी में काम जरूर बदल जाएगा, लेकिन इंसान की जरूरत हमेशा ही रहेगी.
फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने अपने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हुई है. कर्मचारियों को निकालने का ऐलान कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने किया.