किसी देश की मुद्रा क्या है

गर्ग ने कहा,‘‘यह सच है कि बैंक खातों के डिजिटल होने के साथ ही मुद्रा पहले ही डिजिटल हो चुकी है। फर्क सिर्फ इतना है कि अभी भी मुद्रा का आधार कागजी रुपया या भौतिक रूप से नकदी है। जब मुद्रा को भौतिक नकदी की जगह डिजिटल नकदी में बदल दिया जाता है, तो हमारे पास संचालन में डिजिटल मुद्रा होती है। बैंक खाते की जरूरत के बिना कोई भी किसी देश की मुद्रा क्या है डिजिटल नकदी से भुगतान कर सकता है।’’ पूर्व वित्त सचिव ने यह भी कहा, ‘‘कागजी मुद्रा की तुलना में डिजिटल मुद्रा की लागत में कमी आने की संभावना नहीं है। सरकार वर्तमान में बैंकों और आरबीआई को डिजिटल मुद्रा की लागत वसूलने की अनुमति नहीं देती। दोनों की लागत में कोई खास अंतर नहीं है, ऐसे में आरबीआई को नोटों की छपाई की लागत की तरह डिजिटल मुद्रा के बुनियादी खर्च को वहन करना चाहिए।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में गर्ग ने कहा कि अभी तक किसी बड़े देश ने पूर्ण रूप से डिजिटल मुद्रा को नहीं अपनाया है। कई देशों में किसी देश की मुद्रा क्या है जरूर परीक्षण के तौर पर इसपर काम जारी है। पायलट आधार पर डिजिटल मुद्रा के मामले में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में चीन जरूर आगे है।
डिजिटल मुद्रा को अभी तय करना है लंबा सफर: सुभाष चंद्र गर्ग
भारतीय रिजर्व बैंक ने बहुत सीमित उपयोग के लिये प्रायोगिक आधार पर सरल डिजिटल रुपये की शुरुआत की है और सही मायने में बलॉकचेन आधारित डिजिटल मुद्रा के उलट यह पारंपरिक बैंक खाते की ही तरह है, जिसमें लेन-देन को लेकर रुपये के स्थान पर डिजिटल टोकन का उपयोग किया जाएगा। वास्तव में केंद्रीय बैंक को पूर्ण डिजिटल मुद्रा को लेकर अभी लंबा रास्ता तय करना है। आरबीआई के प्रायोगिक तौर पर खुदरा डिजिटल रुपया शुरू किये जाने के साथ पूर्व वित्त सचिव सुभाष किसी देश की मुद्रा क्या है किसी देश की मुद्रा क्या है चंद्र गर्ग ने यह बात कही है।
उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन यह विकास का कोई प्राथमिक कारक नहीं है। डिजिटल व्यवस्था में सहज लोगों के लिये यह किसी देश की मुद्रा क्या है अच्छा है, लेकिन नकदी पर भरोसा करने वाले आम आदमी किसी देश की मुद्रा क्या है के लिये यह बहुत मायने नहीं रखता है।
जानें क्या है वृक्षासन और इसे करने का तरीका, क्या हैं इसके फायदे ?
योग स्वास्थ्य और सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसे अपनाने से आपके शरीर और दिमाग को कई फायदे मिल सकते हैं. नियमित रूप से योग का अभ्यास करना शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से आपके लिए फायदेमंद साबित होता है. कई ऐसे योग आसन हैं जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने और इन्हें टोन करने में मदद करते हैं. योग आपके शरीर को संतुलित और डिटॉक्स करने में मदद करता है.
वृक्षासन या ट्री पोज योग के बेसिक पोज में से एक है. इसमें ज्यादा ट्विस्ट और टर्न शामिल नहीं हैं और ये योग का सबसे आसान और सबसे प्रचलित रूप है. जैसा कि नाम से पता चलता है कि वृक्षासन में ‘वृक्ष’ का अर्थ है पेड़ और ‘आसन’ का अर्थ है शरीर की मुद्रा. इसीलिए इस आसन में आप एक पेड़ की मुद्रा में होते हैं और उसमें संतुलन बनाना होता है. आइए जानते हैं इस आसन को करने की विधि और इसके लाभ.