शेयर बाजार का काम कैसे सीखे

Nithin Kamath : ‘पैसों के पीछे न भागें, यहां करें निवेश’, नितिन कामत ने युवाओं को दिए ऐसे 5 मनी मंत्र
Nithin Kamath कहते हैं, उत्सुकता पहली और सबसे जरूरी स्किल है जो किसी भी क्षेत्र में बेहतर बनने में सक्षम बनाने के लिए विकसित करने की जरूरत है
Zerodha s Nithin Kamath : जिरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने कहा, जब मैं 21 का था तो मुझे तगड़ा झटका लगा और मैं उस झटके और फिर जो मैंने उधार लिया था, उससे उबरने की सोचने लगा। इससे मैंने जीवन के कई सबक सीखे। भारत के सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकिंग हाउस जिरोधा के फाउंडर को मारवाड़ियों के पड़ोस में रहने और उनके साथ दोस्ती करने से स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग की जानकारी हुई। उन्होंने कहा, “जब मैं युवा हुआ, मेरे पिता एक बैंक में काम करते थे और उस समय के सभी पॉपुलर IPO में निवेश करते थे।”
भले ही वह एक एक्टिव इनवेस्टर नहीं थे, लेकिन वह घर पर अपने इनवेस्टमेंट के बारे में बात किया करते थे। हालांकि, घर पर स्टॉक्स से जुड़ी उनकी बातचीत ने उनकी इनवेस्टमेंट और ट्रेडिंग जरनी के लिए दूसरे प्रेरक के रूप में काम किया।
कामत ने 17 साल की उम्र में सक्रिय रूप से स्टॉक मार्केट में निवेश शुरू कर दिया था और 21 के होने तक अच्छी पूंजी तैयार कर ली थी। यह इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी क्रैश (Y2K) से पहले की बात है और उन्होंने अपनी पूरी पूंजी गंवा दी थी।
चैतन्य, अचैतन्य और परम चैतन्य
अब हम जान चुके हैं कि चैतन्य की ओर पहला कदम है जागरूकता। इसका अगला कदम रुचि है, यानी अपने आसपास की वस्तुओं तथा घटनाओं के प्रति जागरूक रहने तथा उनमें रुचि लेने का अभ्यास। इस समग्र प्रक्रिया से गुजर कर ही हम चेतन मस्तिष्क के मालिक हो सकते हैं और चेतनता से परम चैतन्य की यात्रा शेयर बाजार का काम कैसे सीखे पर चल सकते हैं। जागरूकता, रुचि और अभ्यास वह मंत्र है जो हमारी सभी सफलताओं का कारक है। अत: हमें प्रयत्नपूर्वक जागरूकता, रुचि और अभ्यास करते रहना चाहिए ताकि हमारा मस्तिष्क चेतन बना रहे। निरंतर अभ्यास से सभी गुर सीखे जा सकते हैं। जीवन में हमारी सफलता का राज भी तो आखिर यही है…
हर रोज सडक़ों के किनारे, मैदानों के किनारे, खेतों और बागों में हम विभिन्न पेड़-पौधे देखते हैं। उनमें से कई फलदार भी होते हैं। पेड़ों से पके फल का टपकना हममें से कइयों ने कई-कई बार देखा होगा। पेड़ पर से फल टपकता देखकर हमारी पहली प्रतिक्रिया क्या होती है? बड़ा सीधा-सा उत्तर है। पेड़ शेयर बाजार का काम कैसे सीखे से फल टपकता देख कर हम फल पकडऩे के लिए दौड़ पड़ते हैं। पर न्यूटन ने ऐसा नहीं किया। सेब के पेड़ से सेब टपकता देखकर वह उसे पकडऩे के लिए नहीं दौड़े बल्कि सोचने लग गए कि फल नीचे ही क्यों गिरा, ऊपर आसमान में क्यों नहीं उड़ गया? इसके बाद ही न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की। गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज के पीछे क्या था? विचार कहां से उपजा? सेब गिरने की प्रक्रिया पर न्यूटन की प्रतिक्रिया ने ही उनसे वह महान कार्य करवा डाला और उन्हें विश्व के महानतम वैज्ञानिकों की श्रेणी में ला खड़ा किया। अब सवाल यह उठता है कि क्या उनसे पहले किसी ने सेब नीचे गिरता नहीं देखा था? क्या ऐसी कितनी ही घटनाएं हमारे जीवन में भी रोज ही नहीं होतीं? फिर भी हममें से कितने लोग इन अति साधारण दिखने वाली घटनाओं की ओर ध्यान देते हैं, और कितने लोग ऐसे हैं जो इनके आधार पर कोई आविष्कार कर डालते हैं? सेब गिरने की घटना पर न्यूटन की प्रतिक्रिया ही वह कारण बनी जिसने उनसे गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज करवा ली। अपने आसपास की घटनाओं के प्रति हम कितने जागरूक हैं और कितने चेतन हैं, इस पर हमारी सफलता और असफलता का दारोमदार रहता है। मानवीय उपलब्धियों की संभावनाएं असीम हैं।
लोगों ने ऐसे-ऐसे काम कर डाले हैं कि हम दांतों तले उंगली दबा लें। गिन्नीस बुक ऑफ वल्र्ड रिकाड्र्स मानव उपलब्धियों की उत्कृष्ट गाथा है। साधारण से साधारण लोगों के हैरतअंगेज कारनामे उनके विश्वास और दृढ़ निश्चय का ही परिणाम थे। पर उससे पहले किसी स्थिति विशेष पर उनकी प्रतिक्रिया ने ही उनसे वे कारनामे करवा लिए। प्रतिक्रिया क्या है? इसका मूल क्या है? प्रतिक्रिया का मूल है हमारा मस्तिष्क। चेतन मस्तिष्क उपयुक्त प्रतिक्रिया का जनक है। यह हमारे मस्तिष्क की चेतनता ही है जो हमें उन आवश्यकताओं को महसूस करने, उन पर मनन करने और उनका हल ढूंढने की प्रेरणा देती है। चेतन मस्तिष्क नई स्थितियों में हमें तुरंत सही आकलन देता है और तद्नुसार विश्लेषण, निष्कर्ष और प्रतिक्रिया से हम अपना मार्ग निर्धारित करते हैं। मस्तिष्क के चैतन्य का स्तर हमारी प्रतिक्रिया की गुणवत्ता निर्धारित करता है। किसी भी अन्य विद्या की तरह मस्तिष्क में चैतन्य का स्तर निरंतर अभ्यास और मेहनत से बढ़ाया जा सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि आम आदमी जीवन भर अपने मस्तिष्क का दस प्रतिशत भाग भी प्रयोग में नहीं लाता। जीवन की समाप्ति के साथ ही व्यक्ति विशेष के मस्तिष्क की शेष सारी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं। परंतु यदि हम प्रयत्न करें तो मस्तिष्क की इन सुषुप्त शक्तियों को जगा सकते हैं। मस्तिष्क की शक्तियां असीमित हैं। बड़े से बड़ा वैज्ञानिक उपकरण भी पूर्णत: जागृत मस्तिष्क की बराबरी नहीं कर सकता। हमारे मस्तिष्क की क्षमताओं के प्रमाण के कई उदाहरण मौजूद हैं।
जापान में विद्यार्थियों को कैलकुलेटर के बिना सारी गणनाएं करने का सफल प्रशिक्षण दिया जाता है। योगियों द्वारा तथाकथित चमत्कार मात्र अभ्यास का परिणाम हैं। यह स्वयंसिद्ध है कि मस्तिष्क को भी प्रशिक्षित किया जा सकता है और इसे अचैतन्य से चैतन्य तथा चैतन्य से परम चैतन्य की अवस्थाओं में पहुंचाया जा सकता है जिससे हमारी प्रतिक्रिया की गति और गुणवत्ता में चामत्कारिक सुधार हो सकता है। आम आदमी का जीवन बेहोशी का-सा जीवन है। वह रोज एक बाजार से गुजरता है, पर अक्सर उसे मालूम नहीं होता कि किस दुकान के सामने पेड़ है। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बताए जाने पर दोबारा जब वह उसी बाजार से गुजरता है तो देखता है कि पेड़ सचमुच है। अक्सर हम अपने आसपास की चीजों के प्रति जागरूक नहीं होते, परिणामस्वरूप हम उनकी उपस्थिति से भी अनजान बने रहते हैं। जागरूकता ज्ञान की शुरुआत है। यदि हम जागरूक रहेंगे तो हमारे पास संबद्ध सूचनाएं रहेंगी। सूचनाओं का अभाव अज्ञानता का कारण है और सूचनाओं की प्रचुरता ज्ञान का स्रोत है। कुछ संयोगों की बात छोड़ दें तो यह स्पष्ट है कि जागरूकता सूचना का आधार है जो ज्ञान का मूल है। जागरूकता का अगला कदम है अपने आसपास की चीजों और घटनाओं में पर्याप्त रुचि। रुचि के अभाव में हम देखकर भी चीजों को अनदेखा कर देते हैं। हमारे सामने एक पेन पड़ा हो और यदि हमें उसमें रुचि हो तो हम उसे उठा कर ध्यान से देखेंगे। उसकी निब का निरीक्षण करेंगे, पेन के डिजाइन व उसकी लंबाई, मोटाई तथा अन्य स्वरूपगत विवरणों पर ध्यान देंगे।
लिखकर देखेंगे कि पेन कितना सुविधाजनक अथवा आरामदायक है, लिखते समय कितने दबाव की आवश्यकता होती है। लगातार लिखने से हाथ या उंगलियां थकते तो नहीं, आदि-आदि। और यदि हमें पेन में रुचि न हुई तो हम उसे सरसरी नजर से देखेंगे लेकिन उसकी किसी अन्य विशेषता पर हमारा ध्यान नहीं जाएगा। हम वस्तुत: उसे देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं। ऐसे में हमारे मस्तिष्क में यह सूचना तो दर्ज हो जाएगी कि हमारे सामने एक पेन पड़ा है, पर उस पेन के बारे में अन्य कोई विवरण वहां दर्ज नहीं होगा। सूचना अपर्याप्त होने के कारण तथा उसमें आवश्यक रुचि के अभाव में मस्तिष्क में दर्ज यह सूचना धीरे-धीरे धूमिल हो जाएगी और फिर गायब हो जाएगी, जबकि यदि हम पेन में रुचि लें तो मस्तिष्क में न केवल पूरी सूचना दर्ज होगी बल्कि वह स्थायी भी होगी। कहा भी गया है- करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान! जड़ जैसी मति वाला व्यक्ति भी अभ्यास से किसी कार्य में पारंगत हो जाता है। अभ्यास से कौशल आता है। सैद्धांतिक जानकारी से वास्तविक ज्ञान नहीं आता। किताबें पढक़र तैरना नहीं सीखा जा सकता, तैरना सीखने के लिए पानी में कूदना ही पड़ेगा। पहली बार स्कूटर या कार चलाने वाला व्यक्ति सिद्धांतत: जानता है कि क्लच कैसे छोड़ें, गिअर कैसे बदलें, ब्रेक कब लगाएं, पर जब तक वह वाहन सडक़ पर लाकर वास्तविक अभ्यास नहीं करता, यह सारी जानकारी अपूर्ण है। अभ्यास के बिना कई बार तो यह जानकारी बेकार भी है। अब हम जान चुके हैं कि चैतन्य की ओर पहला कदम है जागरूकता। इसका अगला कदम रुचि है, यानी अपने आसपास की वस्तुओं तथा घटनाओं के प्रति जागरूक रहने तथा उनमें रुचि लेने का अभ्यास। इस समग्र प्रक्रिया से गुजर कर ही हम चेतन मस्तिष्क के मालिक हो सकते हैं और चेतनता से परम चैतन्य की यात्रा पर चल सकते हैं। जागरूकता, रुचि और अभ्यास वह मंत्र है जो हमारी सभी सफलताओं का कारक है। अत: हमें प्रयत्नपूर्वक जागरूकता, रुचि और अभ्यास करते रहना चाहिए ताकि हमारा मस्तिष्क चेतन बना रहे। निरंतर अभ्यास से सभी गुर सीखे जा सकते हैं। जीवन में हमारी सफलता का राज भी तो आखिर यही है।
शेयर बाजार-शेयर मार्केट क्या है-STOCK MARKET
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शेयर बाजार के बारें में जानने से पहले आइये हम जान लेते हैं कि शेयर क्या होता हैं जिससे हमें शेयर मार्केट को समझने में आसानी होगी
शेयर (STOCK )
शेयर (स्टॉक ) का शाब्दिक अर्थ ” हिस्सा “है अर्थात जब आप किसी सूचीबद्ध कंपनी के कुछ शेयर खरीदते है तो आप का उस कंपनी के कुछ हिस्से पर आपका मालिकाना हक हो जाता है आप अपने हिस्से को अन्य खरीददार को जब चाहे बेच सकते हैं |
शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहाँ पर विभिन्न सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर को ख़रीदा तथा बेचा जाता है | सामान्यतः शेयर बाजार की समझ न होने के आभाव में बहुत से लोग समझते है कि stock market investment करके बहुत जल्दी,बहुत सारा धन कमा लेंगें ,जो कि अपवाद है शेयर मार्केट में अगर पैसा कामना है तो आपको अच्छे कंपनी के शेयर में long-term investment (लम्बी-अवधी के इन्वेस्टमेंट ) के बारे में सोचना होगा ,तथा आपके अंदर शेयर के उतार -चढ़ाव के समय शेयर में बने रहने का धैर्य रखना पड़ेगा तब ही आप शेयर बाजार से पैसा कमा पाएंगे।
इंडिया में शेयर की खरीद -बेच के लिए दो तरह के बाजार उपलब्ध हैं
BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज )
- इसकी स्थापना 1875 में हुयी थी।
- मुंबई स्टॉक एक्सचेंज एशिया तथा भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
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NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज )
- इसकी स्थापना 1992 में हुयी थी।
- यह मुंबई में स्थित है।
- व्यापर में यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉकएक्सचेंज है।
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BSE /NSE में किसी भी शेयर को एक बिचौलिया (शेयर ब्रोकर )के माध्यम से ख़रीदा तथा बेचा जाता है|शेयर मार्केट में शेयर के आलावा म्यूचअल फण्ड ,बॉन्ड ,डेरीवेटिव का भी व्यापर किया जाता है।
BSE /NSE में कोई कंपनी LIST कैसे होती है ?
भारत में किसी भी कंपनी की लिस्टिंग करने का काम सेबी (SEBI )के द्वारा होता है कंपनी अपना DRHP(draft red herring prospectus) सेबी को फाइल करती है जहाँ सेबी कंपनी के सभी दस्तावेजों को अपने पास सुरक्षित रखती है तथा अपने स्तर से उसके दस्तावेजों की जाँच कराती है तथा जो कंपनियां सेबी के नियम व् शर्तो पर खरा उतरती है उसे BSE /NSE में कंपनी IPO (initial public offering) के द्वारा लिस्ट हो जाती हैं। सेबी इसके साथ -साथ बाजार की हर गतिविधियों पर नज़र रखती है और निवेशकों के हितों की रक्षा भी करती है।
Trade Setup For Today: Stock Market खुलने से पहले इसे देखे ले बैंक निफ्टी में आ सकती है भारी गिरावट
Stock market, nifty में कल एक अच्छा उछाल दिखा और आज nifty फ्लैट 18417 प्वाइंट में खुली तथा खुलते ही पहले की 4 एक के बाद एक लगातार 5 मिनट की कैंडल में गिरावट हुई और 18357 प्वाइंट्स के लेवल में पहुंच के सपोर्ट लिया जहां पर उसका 50 EMA भी था।
Nifty में इसके बाद खरीद्दारी देखी गई और उसने अपना 18386 प्वाइंट्स के लेवल को ब्रेक कर के 18338 प्वाइंट्स का हाई लगाया इसके बाद डबल टॉप बना के फिर निफ्टी ने गिरना सुरु किया और Stock market के बंद होते होते 18409 प्वाइंट्स के लेवल में स्थगित हो गई।
Stock Market Bank Nifty:
16 नवंबर के दिन Stock market में बैंक निफ्टी की ओपनिंग 42419 प्वाइंट्स पर हुई और थोड़ा सा पुल बैक लेने के बाद 42315 प्वाइंट्स के लेवल से सपोर्ट ले कर 42550 प्वाइंट्स का हाई लगाया इसके बाद बैंक निफ्टी साइड वेज चली गई और 42535 के लेवल में बंद हो गई बैंक निफ्टी 5 मिनट टाइम फ्रेम में 50 EMA, के सपोर्ट पर भी है।
Niftycharting की राय :
Bank Nifty ने अपना ऑल टाइम हाई तोड़ के आज 42413 प्वाइंट्स का नया हाई बनाया है बैंक निफ्टी का पुराना ऑल टाइम हाई 41831 प्वाइंट्स है अगर मार्केट को उपट्रेंड में रहना है और नया हाई बनाना है तो ये पहले अपने पुराने ऑल टाइम हाई को रिटेस्ट करने आयेगी और अगर बैंक निफ्टी रिटेस्ट में पास हो जाती है तो फिर आने वाले समय में हमे एक नया हाई देखने को मिलेगा।
इसी वजह से बैंक निफ्टी में हमे आनेवाले समय में शॉर्ट टर्म गिरावट देखने को मिल सकती है तो आप लोग कोई भी लॉन्ग ट्रेंड अभी न ले जब तक की 41831 प्वाइंट्स का लेवल रिटेस्ट नही हो जाता है।
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Share Market : नए साल से बदलेंगे शेयर बाजार के नियम, ये होगा सटेलमेंट और आप्शनल प्लान
Share Market : शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए नए साल के पहले दिन से नया नियम लागू होने जा रहा है। इस नए नियम का लाभ शेयर की खरीद—फरोख्त करने वालों को होगा। ऐसा बताया जा रहा है। बता दे कि दिल्ली से नजदीक होने के कारण मेरठ में काफी बड़े पैमाने पर लोग इस काम को करते हैं।
Published: December 30, 2021 10:59:26 am
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ . Share Market : शेयर बाजार से जुड़े लोगों के लिए यह खबर काफी काम की है। जो लोगा शेयर बाजार में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं या खरीद फरोख्त करते हैं उनके लिए यह नया नियम काफी मुनाफे का सौदा बताया जा रहा है। हालांकि इस बारे में कुछ जानकारों ने यह भी बताया है कि सेबी ने यह खरीद—ब्रिकी लचीली बनाने के लिए यह नियम लागू किया है। यह नया नियम आगामी 1 जनवरी 2022 से लागू होगा। इन शेयर बाजार का काम कैसे सीखे नए नियम को लेकर शेयर बाजार में हलचल है।
ये है शेयर बाजार का नया नियम
शेयर बाजारों में खरीद—फरोख्त को पूरा करने के लिए कारोबार वाले दिन के बाद दो कारोबारी दिवस लगते हैं। इसे शेयर बाजार में टी+2 के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब होता है ट्रेडिंग करना और दो दिन बाद बेचना। लेकिन अब नए नियम के अनुसार ट्रेडिंग करने वालों को शेयर को दूसरे दिन ही बेच सकने का विकल्प दिया है। इन नए नियम को टी+1 के नाम से जाना जाएगा।
शेयर कारोबारियों की माने तो नए सर्कुलर के अनुसार शेयर खरीद-बिक्री प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाले समय को ‘T +1’ या ‘T +2’ का विकल्प देकर शेयर बाजारों को सुविधा उपलब्ध कराई है। यह सेटलमेंट प्लान शेयरों के लिए है और ऑप्शनल है। इसका मतलब होगा अगर ट्रेडर्स चाहें तो इन दोनों प्लान में कोई भी चुन सकते हैं। ये नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा।
देना होगा पहले नोटिस
सेबी के नए नियम के मुताबिक कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए टी+1 सेटलमेंट चुन सकता है। लेकिन सेटलमेंट बदलने के लिए कम से कम एक महीना पहले नोटिस देना होगा। स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए अगर एकबार टी+1 सेटलमेंट प्लान चुन लेगा उसे कम से कम 6 महीने तक जारी रखना होगा।
अगर स्टॉक एक्सचेंज बीच में टी+2 सेटलमेंट चुनना चाहता है तो उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा। इन नए नियम को लेकर सेबी ने यह भी कहा है कि टी+1 और टी+2 में कोई फर्क नहीं किया जाएगा। यह स्टॉक एक्सचेंज पर होने वाले सभी तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होगा।