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क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?

क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?
कई सारी बातों पर होगा फोकस

आयकर विभाग की निगाह विदेशी सोने के खरीदारों पर

नियमों के अनुसार, जो भारतीय विदेश में छह माह से अधिक समय से रह रहा है, वह सीमा शुल्क का भुगतान कर अपने साथ एक किलोग्राम तक सोना ला सकता है। यह शुल्क 10 फीसदी की दर से लगता है और इसका भुगतान उस देश की मुद्रा में किया जाता है, जहां सोना खरीदा गया है। इसके अलावा यदि भारतीय एक साल से अधिक से विदेश में रह रहा है, तो ऐसे मामले में पुरुष 50,000 रुपये व महिला एक लाख रुपये तक का सोना किसी तरह का सीमा शुल्क दिए बिना देश में ला सकते हैं।

राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने बताया कि 2013-14 के दौरान देश में सीमा शुल्क का भुगतान कर कानूनी तरीके से 3,000 किलोग्राम सोना लाया गया है। डीआरआई तस्करी व सीमा शुल्क चोरी रोकने का काम करता है।

डीआरआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कानूनी तरीके से एक किलोग्राम सोना लाने के मामले बढ़े हैं। इस तरह की आशंका है कि हवाला ऑपरेटर ऐसे लोगों को कुछ भुगतान कर इस नियम का फायदा उठा रहे हैं। ऐसे लोगों के पैन कार्ड का ब्योरा आयकर विभाग को दिया जा रहा है, जिसे उनकी आमदनी के स्रोत तथा किसी तरह की गड़बड़ी पर रोक को सुनिश्चित किया जा सके।

डिजिटल टोकन को रेगुलेट करने की तैयारी: रिजर्व बैंक ने शुरू की कवायद, क्रिप्टो करेंसी के कारोबार को मिल सकती है मंजूरी

देर-सबेर ही सही, भारत में क्रिप्टो करेंसी को शर्तों और नियमों के साथ मंजूरी मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी कारोबार से जुड़े अहम लोगों के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को RBI और दूसरी एजेंसियों के साथ इस बारे में बैठक की है।

जानकारी के मुताबिक, RBI ने बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर यह बैठक बुलाई थी। 2 नवंबर को बुलाई गई बैठक में RBI के वरिष्ठ अधिकारी, तीन क्रिप्टो एक्सचेंज के अधिकारी, क्रिप्टो ब्रोकर और इंडिया टेक के अधिकारी शामिल हुए। इन सभी ने क्रिप्टो पर एक व्हाइट पेपर तैयार किया था। ऐसा माना जा रहा है कि चीन में भले ही क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है, पर भारत में कुछ नियंत्रण और शर्तों के साथ इसे मंजूरी मिल जाएगी।

एनआरआई लोग अपनी प्रॉपर्टी कानूनी तरीके से कैसे सुरक्षित रखें?

एनआरआई लोगों की प्रॉपर्टी पर इललीगल कब्जे से सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन प्लैन

भारत में एनआरआई लोगों के नाम पर भी कई प्रॉपर्टीज़ है। यह प्रॉपर्टी कई जरियों से उनके पास होती है, जैसे – विरासत में पूर्वजों से मिली हुई प्रॉपर्टी, अपने रिश्तेदारों के साथ जॉइंट ओनरशिप या भारत में प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करना आदि। यह प्रॉपर्टीज़ एनआरआई इसीलिए भी खरीदते है ताकि अपने भारत देश से हमेशा जुड़े रहें।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

इस मैटर को सुलझाने के लिए अलग-अलग कदम उठाए जा सकते हैं –

  • पुलिस कम्प्लेन फाइल करने के लिए प्रॉपर्टी के ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स के साथ पास के पुलिस स्टेशन में कम्प्लेन फाइल की जा सकती है। प्रॉपर्टी को स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के सेक्शन 5 और 6 के तहत वापस लिया जा सकता है।
  • प्रॉपर्टी पर इललीगल कब्जे के मैटर को सॉल्व करने का एक अन्य तरीका बातचीत है। एनआरआई पार्टी और इल्लिगली प्रॉपर्टी रखने वाली पार्टी बातचीत के जरिए मैटर को सॉल्व कर सकती है।लीगल एडवाइस के बाद इस प्रोसेस को फॉलो किया जा सकता है।
  • इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति कोई लीगल फैसला लेने से पहले एक एक्सपीरिएंस्ड लॉयर से एडवाइस ले सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।

प्रॉपर्टी की सुरक्षा कैसे करें ताकि इललीगल कब्जे की सिचुएशन से बचा जा सके –

देश के बाहर रहने वाले एनआरआई भारतीयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी प्रॉपर्टी भारत में सुरक्षित है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई लीगल डिस्प्यूट या एनआरआई भारतीयों की प्रॉपर्टी/रियल एस्टेट पर कोई इललीगल कब्जा ना हो, निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-

  • एनआरआई को प्रॉपर्टी के ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स, डीड, वसीयत की फोटोकॉपी अपने पास रखने चाहिए।
  • गवर्नमेंट लैंड रिकार्ड्स में प्रॉपर्टी के सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स और अन्य जरूरी पेपर्स को रेगुलरली अपडेट किया जाना चाहिए। साथ ही, प्रॉपर्टी के लिए भुगतान किए गए टैक्स जैसे नगरपालिका टैक्स, बिजली का बिल या पानी का बिल आदि की सभी रसीदें एनआरआई द्वारा संभाल के रखी जानी चाहिए।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी इललीगल कब्जा ना हो खाली प्लॉट पर बाउंड्री बनाई जानी चाहिए। एनआरआई को उसकी ओनरशिप बताने वाले एक बोर्ड प्रॉपर्टी पर लगाया जा सकता है।
  • लोकल न्यूज़ पेपर में एनआरआई की ओनरशिप वाली प्रॉपर्टी के बारे में एक नोटिस भी प्रकाशित/पब्लिश किया जा सकता है। न्यूज़ पेपर में एनआरआई द्वारा नोटिस की ओरिजिनल कॉपी भविष्य के उद्देश्यों के लिए रखी जा सकती है।
  • साथ ही कई प्रोफेशनल आर्गेनाइजेशन एनआरआई की तरफ से कुछ कमीशन के लिए प्रॉपर्टी की सुरक्षा करती हैं, उनकी सेवाओं का लाभ एनआरआई भी ले सकते हैं।
  • एनआरआई अपनी प्रॉपर्टी के आसपास के पड़ोसियों के कांटेक्ट में रहे ताकि उसे प्रॉपर्टी के आसपास की सिचुऎशन्स में किसी भी बदलाव के बारे में पता चलता रहे।
  • एनआरआई द्वारा उसकी प्रॉपर्टी के लिए एक केयर टेकर को काम पर रखा जा सकता है, क्योंकि केयर टेकर द्वारा प्रॉपर्टी पर लंबे समय तक कब्जे के बाद भी उसका प्रॉपर्टी पर कोई अधिकार नहीं माना जाता है। का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है।
  • प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले, किरायेदारों का एक उचित वेरिफिकेशन किया जाए, साथ ही किरायेदार को प्रॉपर्टी किराए पर देने से पहले एक उचित रेंट एग्रीमेंट भी कराया जा सकता है।

टैक्स –

एनआरआई भारत की कितनी प्रॉपर्टीज़ का मालिक हो इस पर कोई रीस्ट्रिक्शन नहीं लगाई गयी है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत भारत में प्रॉपर्टीज़ में इन्वेस्ट करने वाले एनआरआई भारतीयों के लिए टैक्स डिडक्शन्स का प्रोविज़न है। भारत के नागरिकों की तरह, एनआरआई द्वारा सेक्शन 24 और सेक्शन 80 सी के तहत डिडक्शन्स का दावा किया जा सकता है।

  • फेमा उन नियमों/रूल्स का क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? एक ग्रुप है जो आरबीआई को रेगुलेशंस पास करने का अधिकार देता है और भारत सरकार को देश की फॉरन ट्रेड पालिसी के संबंध में विदेशी पैसों से रिलेटेड रूल्स को पास करने में सक्षम बनाता है।
  • इसने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम- FERA की जगह ली
  • फेमा की विशेषताएं/फीचर्स
  • यह सरकार को देश के बाहर के व्यक्ति से पैंन्ट्स लेने और देने पावर देता है।
  • फेमा की मंजूरी के बिना कोई फॉरन एक्सचेंज नहीं हो सकता है।
  • आम जनता के हित के लिए सरकार किसी ऑथोराइज़्ड व्यक्ति को भी उसके करंट अकाउंट से विदेशी पैसों क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? का लेन-देन करने से रोक सकती है। इसी प्रकार से आरबीआई को यह पावर देता है कि वह किसी ऑथोराइज़्ड व्यक्ति द्वारा भी कैपिटल अकाउंट से लेनदेन किए जाने पर रोक लगा सकते है।

यहां एक डॉलर=75 रुपये

यहां एक डॉलर=75 रुपये

Lucknow: यह है प्रदेश का इंटरनेशनल एयरपोर्ट. सौदेबाजों ने यहां अपने ही देश की करेंसी की औकात और गिरा दी है. बुधवार को नेशनल लेवल पर एक डॉलर का रेट 59.47 पैसे था, वहीं लखनऊ के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक डॉलर की वैल्यू 75 रुपये थी.

एयरपोर्ट पर हो रही मनमानी

लखनऊ एयरपोर्ट से ट्रैवल करने वालों की मजबूरी का फायदा करेंसी एक्सचेंज काउंटर पर बैठे लोग दोनों हाथों से उठा रहे हैं । ना सिर्फ डॉलर बल्कि दिरहम के रेट पर भी जमकर कमाई होती है । लखनऊ से डेली चार से पांच फ्लाइट गल्फ से आती और जाती हैं । हजारों डॉलर , रियाल और दिरहम एयरपोर्ट पर ही कन्वर्ट कराये जाते हैं । ऐसे में डेली हजारों रुपये का सीधा मुनाफा यहां के लोगों को होता है ।

हैदराबाद: विदेश में आपकी नौकरी का ऑफर हो सकता है घोटाला

नौकरी विदेशी घोटाला

धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां अक्सर अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए काफी हद तक जाती हैं। हैदराबाद पुलिस के मुताबिक, ऐसी कई कंपनियों के मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू लेने के मामले सामने आए हैं। कुछ ने तो ऑफर लेटर भी भेजे।

आमतौर पर धोखेबाज व्यक्ति से मोटी रकम की मांग करके आगे बढ़ते हैं। सभी वीजा प्रसंस्करण और अन्य संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करने के नाम पर।

हैदराबाद में एक वरिष्ठ अधिकारी क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? के अनुसार, साइबर अपराधी, विशेष रूप से भारत के उत्तर में, नौकरी चाहने वालों द्वारा विभिन्न प्रसिद्ध नौकरी पोर्टलों पर पोस्ट किए गए रिज्यूमे को देखते हैं। जॉब पोर्टल्स से रिज्यूमे खरीदने के बाद, ऐसे धोखेबाज नौकरी चाहने वालों से सीधे संपर्क करते हैं, उन्हें विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च-भुगतान वाली नौकरियों का आश्वासन देते हैं।

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