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FOREX क्या है?

FOREX क्या है?
फॉरेक्स (करेंसी) ट्रेडिंग एक ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल होने वाला टर्म है, इसमें चाहे यूरो को डॉलर से ट्रेडिंग करना हो या डॉलर को रुपये के साथ ट्रेड करना हो यह सभी प्रकार के ट्रेडिंग (कारोबार) फॉरेक्स यानि फॉरेन एक्सचेंज मार्केट के जरिये किया जाता हैं

Forex: क्यों भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आ सकती है और गिरावट, जानें इसके पीछे क्या हो सकता है कारण?

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 08:21 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

अमेरिकी डॉलर (फाइल फोटो)

India Forex Reserve: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट जारी है और इसमें अधिक कमी आने की संभावना है. इसके तहत फॉरेक्स रिजर्व साल 2022 के आखिर तक यानी पिछले 2 सालों में अपने सबसे निचले स्तर तक गिर सकता है. ऐसा एक रॉयटर्स पोल में बताया गया है और इसके पीछे कारण ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर की मजबूत वृद्धि से रुपये को बचाने के लिए प्रयासों के तहत विदेशी मुद्रा भंडार में कटौती की है.

विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब डॉलर की कटौती की गई
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को लगभग 100 अरब डॉलर घटाकर 545 अरब डॉलर कर दिया है. ये एक साल पहले 642 अरब डॉलर के अपने शिखर पर था. ऐसा रुपये की लगातार कमजोरी को काबू में रखने के लिए किया गया है पर रुपये को आरबीआई रिकॉर्ड निचले स्तर तक जाने से रोक नहीं पाया है. भारतीय करेंसी डॉलर के मुकाबले 82 रुपये प्रति डॉलर के लेवल तक बढ़ रही है.

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फ़ॉरेक्स क्या है

यह अनुमान है कि विश्व फ़ॉरेक्स बाजारों में औसतन 3.6 ट्रिलियन डॉलर का ट्रेड हर दिन होता है। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अधिकांश हिस्सा किसी एक केंद्रीकृत या संगठित विनिमय पर नहीं बल्कि इंटरबैंक मुद्रा बाजार में ब्रोकरों के माध्यम से होता है। इंटरबैंक मुद्रा बाजार चौबीस घंटे का बाजार है जो दुनिया भर में सूर्य का अनुसरण करता है। ऑस्ट्रेलिया में खुलने और यू.एस. में बंद होने के बावजूद, विनिमय जोखिम युक्त संगठनों के लिए बाजार मौजूद है, सट्टेबाज भी विनिमय दरों में बदलाव के संबंध में उनकी अपेक्षाओं से लाभ के प्रयास में फ़ॉरेक्स बाजारों में भाग लेते हैं।

प्रारंभिक भाग में, फ़ॉरेक्स बाजार का उपयोग संस्थागत निवेशकों द्वारा किया जाता था जो वाणिज्यिक और निवेश उद्देश्यों के लिए बड़ी मात्रा में लेनदेन करते थे। आज हालांकि, आयातकों और निर्यातकों, अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो प्रबंधकों, बहुराष्ट्रीय निगमों, सट्टेबाजों, दैनिक ट्रेडर, लंबी अवधि के धारकों और हेज फंड सभी फ़ॉरेक्स बाजार का उपयोग करते हैं ताकि वे माल और सेवाओं के भुगतान कर सकें, वित्तीय आस्तियों में लेन-देन कर सकें और सट्टेबाजी के माध्यम से अपने जोखिम की हेजिंग या अपने जोखिम को बढ़ाकर मुद्रा की गति के जोखिम को कम करना या सट्टेबाजी कर सकें।

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साथियों फोरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग करने से पहले आपको फोरेक्स मार्केट को समझना पड़ेगा। हम पहले फोरेक्स मार्केट को समझेंगे, की फोरेक्स क्या है ? इसमें ट्रेडिंग कैसे करते है ? ट्रेडिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है ? कैंडल क्या इशारे कर रही है ? उन इशारों को कैसे समझे ? क्या अब प्राइस ऊपर जायेगा या नीचे जायेगा ? ऐसे ही आपके मन में हजारों सवाल होंगे। इन सभी सवालों के जवाब आपको इस सीरीज में मिलने वाले है। बस आपको जरुरत है हमारे साथ बने रहने की।

दोस्तों यह सीरीज इतनी सरल भाषा में है की यदि कोई बच्चा भी इस पोस्ट को पढ़ रहा है तो उसे भी समझ में आ जायेगा की फोरेक्स मार्केट क्या है ? और इससे पैसे कैसे कमाते है? इस सीरीज को पढ़ते समय आपको ऐसा FOREX क्या है? लगेगा की आपके साथ यह साइट ( only4us.in ) आपसे बात कर रही है। यह साइट आपके सपनो को पहले से जानती है और उनको पूरा करने में आपका पूरा सहयोग कर रही है। आपको ऐसा लगेगा की यह साइट सिर्फ आपके लिए ही है। और हाँ यदि आपको इस पोस्ट से थोड़ा सा भी ज्ञान मिला तो इसे शेयर जरूर करना। और कमेंट में हमें यह बताना की आपको किस टॉपिक पर अगली पोस्ट चाहिए। तो चलिए शुरू करते है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या हैं :-

करेंसी ट्रेडिंग को दुसरे तरीके से समजते हैं, दुनिया के सभी देशों की अपनी एक करेंसी (मुद्रा) होती है जैसे की; भारत में रुपीस, अमेरिका में डॉलर, जापान में येन और ब्रिटेन में पाउंड आदि इन सभी की एक कीमत होती है जो मार्केट (बाजार) में Demand And Supply के आधार पर कम या ज्यादा होती हैं

आपने अक्सर न्यूज या अखबार में देखा होंगा की आज FOREX क्या है? डॉलर के मुकाबले रुपिया 0.40 पैसे गिरा है या आज डॉलर के मुकाबले रुपिया FOREX क्या है? 0.50 पैसे बढ़ा हैं इन वजहों से करेंसी (मुद्रा) में मूवमेंट होती है

इन मूवमेंट्स का फायदा उठाने के लिए करेंसी मार्केट के ट्रेडर्स इसे कम दाम पर खरीद लेते हैं और ज्यादा दाम पर बेच देते हैं इस कारोबारीक ट्रेडिंग को Forex या Currency Trading कहते हैं

मुद्रा व्यापार की पुरानी बातें

मुद्रा व्यापार और विनिमय बाजार के कार्य प्राचीन काल से चले आरहे है तब के समय में मनी – चेंजर जिसे पैसे बदलने के लिए दुसरों की मदद करने वाले और कमीशन या शुल्क (चार्ज) वसूलने वाले FOREX क्या है? लोग जो इस प्रकार का कार्य करते थे

Currency Pairs Example :-

आमतौर पर आपने देखा होंगा की रूपये की कीमत डॉलर के मुकाबले इतनी है या डॉलर की कीमत यूरो के मुकाबले इतनी है इसे एक उदाहरण के माध्यम से बेहतर समजते है

इसके लिए Currency Market के 20 अप्रैल, 2021 के दिन के सभी अलग – अलग Country के Currencies को Rupee के साथ कॉम्पेर (तुलना) करके देखते हैं 1 US Dollar (USD) की कीमत 74.88 ₨. हैं, 1 Euro (EUR) की कीमत 90.74 ₨. हैं, 1 Pound Sterling (GBP) की कीमत 105.05 ₨. हैं, 1 Japanese Yen (JPY) की कीमत सिर्फ 0.69 ₨. हैं, 1 Renminbi की कीमत 11.52 Rs. हैं, 1 Australian Dollar (AUD) की कीमत 57.72 Rs. हैं, 1 Singapore Dollar (SGD) की कीमत 56.74 Rs. हैं और आखिर में 1 Taiwan Dollar की कीमत 2.67 Rs. हैं

इसे किसी अन्य मुद्रा के सबंध में एक देश की मुद्रा के मूल्य को किसी दुसरे देश FOREX क्या है? की मुद्रा के मूल्य से तुलनात्मक रूप से इन दोनों में अपने – अपने करेंसी के हिसाबसे एक्सचेंज यानि ट्रेडिंग किया जाता है जिसे Forex Trading या Currency Trading के नाम से जाना जाता हैं

करेंसी एक्सचेंज रेट क्या हैं :-

जिस प्रकार एक देश का स्टॉक मार्केट उस देश की विकास श्रेणी को दर्शाता है उसी प्रकार फॉरेन एक्सचेंज मार्केट दुनिया के सभी देशो की अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिबिम्ब दिखता है

Forex Market में एक करेंसी को दूसरी करेंसी से बदला जाता हैं इस ट्रेडिंग में सबसे जरुरी बात एक्सचेंज रेट FOREX क्या है? की होती है इसका यह मतलब है की अगर हमें एक करेंसी को दूसरी करेंसी से एक्सचेंज करना है यानि उन दो करेंसी में ट्रेडिंग करना है तो उन दोनों मार्केट दरो (रेट) को मिलाकर देखा जाता है

किसी एक करेंसी की तुलना में किसी दूसरी करेंसी की कीमत को उसकी एक्सचेंज रेट के जरिये जाना जाता है यह एक्सचेंज रेट उस देश के आर्थिक मुद्रा स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेत दिखता है, किसी देश की करेंसी के लिए उसका मुद्रा का हाई एक्सचेंज रेट्स उस देश की आर्थिक स्थिति विकसित होने का संकेत देता हैं, इसी प्रकार किसी देश की करेंसी के लिए उसका कम एक्सचेंज रेट्स उसकी विपरीत स्थिति दर्शाता हैं

करेंसी ट्रेडिंग में इन बातोँ का ध्यान रखें :-

भारत में ‘करेंसी ट्रेडिंग’ शुरू करने से पहले इन बातो का अवश्य ध्यान रखे, सबसे पहले हम किन – किन करेंसी सेक्सन में ट्रेडिंग कर सकते है तो भारत में ज्यादा वोल्यूम के साथ 4 Currency Trading of Pairs में ट्रेडिंग की जाती है और यह FOREX क्या है? चार करेंसी ट्रेडिंग के जोड़े है – USD/INR, EUR/INR, GBP/INR And JPY/INR

इसमें भारत की मुद्रा को दुसरे देशों की मुद्राओ के साथ Trade किया जाता है, इनके अलावा और 3 Cross Currency Trading of Pairs है जिसमे हाल फ़िलहाल में ही ट्रेडिंग की शुरुआत हुई है और यह तिन क्रॉस करेंसी ट्रेडिंग के जोड़े है – EUR/USD, GBP/USD And USD/JPY लेकिन इन Pairs में ज्यादा Volume नहीं होता है, इसमें भारत की मुद्रा के अलावा दुसरे देशों की मुद्राओ में Trade किया जाता हैं

फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए एक खाता

Forex Trading में करेंसी पेयर्स, डेरिवेटिव्स और F&O ट्रेडिंग (Future Trading / Option Trading) भी शामिल हैं करेंसी ट्रेडिंग को शुरू करने के लिए एक फॉरेक्स ट्रेडिंग खाता खुलवाना जरुरी हैं

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