विदेशी मुद्रा व्यापार मंच

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022 / Will Russia give legal status to crypto as a payment option by 2022 / क्या है क्रिप्टोकंरसी /क्या रूस डिजिटल रूबल जारी करेगा / किन देशों में लीगल है क्रिप्टोकरंसी / भारत में क्या गाइडलाइंस हैं 2022 क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022 ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा

क्रिप्टो की लगातार गिरती मार्केट से पूरे विश्व में डिजिटल एसेट्स को लेकर जहां क्रिप्टोकरंसी रखने वालों मेें भय का माहौल बना हुआ है, वहीं रूस ने क्रिप्टो के हक में नरमी बरतने का रूख दिखाया है। अब लोगों में चर्चा है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा?

क्या है क्रिप्टोकंरसी ?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और यह माइनिंग से उत्पन्न होती है। दुनिया में बिटकॉइन, इथर, डोजक्वाइन समेत कई क्रिप्टोकरंसी हैं। कुछ देश ही हैं जो कि क्रिप्टोकरंसी को लीगल मान रहे हैं। भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी को अवैध माना गया है.

पिछले दिनों भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीता रमण ने क्रिप्टोकरंसी के लेन-देन पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात अवश्य कही है परंतु लीगल बिल्कुल भी नहीं किया है। भारत की तरह विभिन्न देश क्रिप्टोकरंसी को वैध नहीं मान रहे हैं, ऐसे में क्या रूस क्रिप्टो को दर्जा देगा ?

क्या बोले हैं रूस के इंडस्ट्री मिनिस्टर डेनिस मन्तुरोव ?

जी, हां। रूस के रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov ने इशारा किया है कि वहां की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच इस मुद्दे पर मतभेद जल्द समाप्त हो सकते हैं

यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझे रूस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में क्या रूस क्रिप्टो को पेमेंट के विकल्प के तौर पर कानूनी दर्जा देगा? इस बात में कुछ लोग शंका भी जाहिर कर रहे हैं कि रूस में क्रिप्टोकरंसी को पेमेंट के एक जरिए के तौर पर कानूनी दर्जा दिया जाएगा।

रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov के अनुसार रूस सरकार और वहां के बड़े बैंक सेंट्रल बैंक के बीच इस मामले में मतभेद जल्द खत्म हो सकते हैं।

बताया जाता है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्रिप्टोकरंसी के मुद्दे पर कानून से जुड़े कई प्रस्ताव दिए थे, परंतु क्रिप्टोकरंसी प्रस्ताव सेंट्रल बैंक के क्रिप्टोकरंसी पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग के खिलाफ थे।

तभी तो लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या रूस अपना डिजिटल रूबल जारी करेगा ?

ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov ने क्रिप्टोकरंसी को पेमेंट के जरिए के तौर पर कानूनी दर्जा देने के बारे में पूछने पर कहा, ‘प्रश्न यह है कि ऐसा कब होगा और इसे कैसे रेगुलेट किया जाएगा। सरकार और सेंट्रल बैंक इस पर तेजी से काम कर रहे हैं, इसे लागू किया जाएगा’।

बताया जाता है कि रूस की सरकार अपना डिजिटल रूबल जारी चाहती है, उसनेे पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरंसी को समर्थन देना शुरू किया है। अब रूस के क्रिप्टोकरंसी को लेकर बोल बदल गए हैं, वरना इससे पहले रूस की सरकार यह कहती रही थी कि क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग में हो सकता है।

लोग अब सवाल तो करेंगे ही, क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या कहती हैं रूस के सेंट्रल क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है बैंक की गर्वनर ?

आपको बता दें कि इससे पहले रूस के सेंट्रल बैंक की गवर्नर Elvira Nabiullina ने भी कहा था कि सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरंसी में इनवेस्टमेंट की अनुमति नहीं देगा। सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर पूरी तरह रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि रूस के लोग प्रति वर्ष लगभग 5 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस करते हैं। Denis Manturov ने अब नए सिरे से कहा है कि क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल से जुड़े रेगुलेशंस को सेंट्रल बैंक बनाएगा और इसके बाद सरकार की ओर से इन्हें स्वीकृति दी जाएगी। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या रूस क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

बोल क्यों बदल गए रूस के सेंट्रल बैंक के ?

याद होगा कि गत वर्ष सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसी ट्रांजैक्शंस बढऩे के क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है कारण फाइनेंशियल सिस्टम के कमजोर होने की आशंका जताई थी। उस वक्त सेंट्रल बैंक के अधिकारियों का कहना था कि रूस के फाइनेंशियल मार्केट में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल होने की गुंजाइश न के बराबर है। ऐसे में लोगों का यह पूछना वाजिब है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

कौन-कौन से देश क्रिप्टोकरंसी के लिए बना रहे हैं कानून ? क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा

रूस के अलावा कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरंसी को लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका में हाल ही में इस सेगमेंट से जुड़ा एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी हुआ था। आपको पता होगा कि इसमें फेडरल रिजर्व से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की संभावना पर विचार करने के लिए भी कहा गया था। कमाल की बात तो यह है कि तकनीक के क्षेत्र में क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है आगे कहे जाने वाले देश अमेरिका में पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरंसी से जुड़े फ्रॉड के मामले बढ़े हैं। इस वजह से रेगुलेटर्स से इस सेगमेंट की स्क्रूटनी को सख्त करने पर जोर दिया है। अब आपको क्या लगता है कि :- क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

किन देशों में लीगल है क्रिप्टोकरंसी ?

कुछ देशों में क्रिप्टोकरंसी की वैधता को लेकर बहस छिड़ी हुई है। आपको बता दें कि फिलीपिंस, वियतनाम, कनाडा, मध्य अमेरिका के देश अल-सल्वाडोर ने क्रिप्टोकरंसी को अपना लिया है। यही नहीं कुछ कंपनियों ने क्रिप्टोकरंसी को एक्सेप्ट करना आरंभ कर दिया है। इन कंपनियों में बंगलोर के इंदिरानगर और वाइटफील्ड एरिया में क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है सूर्यवंशी रेस्टोरेंट, यूनोकॉइन, साफ्टवेयर की दुनिया का बादशाह कही जाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, एएमसी थियेटर तथा शॉपिफाई जैसी मल्टीनेशनल ई-कॉमर्स कंपनी शामिल हैं। ऐसे में रूस भी क्रिप्टोकरेंसी को वैध करार कर दे तो अतिश्योक्ति नहीं होगा, लेकिन फिर भी लोग जानने को उत्सुक हैं कि : –क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

भारत में क्या गाइडलाइंस हैं 2022 क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ?

आपको पता है कि भारत सरकार ने अभी तक cryptocurrency को लीगल नही किया है। फरवरी 2022 में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में भी इस करंसी के लेन-देन पर टैक्स लगाने की बात कही गई है। हालांकि टीवी और दूसरे चैनलों पर पिछले कुछ दिनों से cryptocurrency के काफी विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं, लेकिन अब भारत सरकार ने इन विज्ञापनों के प्रसारण के लिए भी क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है कुछ दिशा-निर्देश अथवा गाइडलाइंस तय कर दी हैं। इसमें बताया है कि भारत में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नई गाइडलाइन्स ?

Advertising standards council of India (ASCI) ने Crypto जैसी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों पर जो नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनसे भारत मे cryptocurrency के लेन-देन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी ? भारत जैसे कई देशों ने अभी तक डिजिटल एसेटस को वैधता नहीं दी है तो अब यूक्रेन के साथ युद्घ के हालातों में क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

crypto पर सरकार कैसे वसूलेगी टैक्स और क्या पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

बिजनेस डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब डिजिटल ऐसेट (इसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल) पर भी टैक्स लगेगा। क्रिप्टोबाजार में दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों ने इस कदम का स्वागत किया क्योंकि यह देश में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य को एक तरह से कानूनी दर्जा देता है। हालांकि, इसके बाद वित्त मंत्री ने जब कहा कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक का भारी कर लगेगा, तो ये कई लोगों को निराश कर गया। दरअसल यह म्युचुअल फंड या यहां तक ​​कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे भी कहीं अधिक है।

हालांकि बजट भाषण के बाद सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया कि क्रिप्टो पर नुकसान होता है तो अन्य ऐसेट के जरिए भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया। सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों में उपहार पर कर लगेगा। संसद में बजट पारित होने के बाद कर प्रस्ताव एक अप्रैल से अमल में आएगा। निर्मला सीतारमण की ओर से क्रिप्टो पर लगाए गए टैक्स को लेकर घोषणाओं के बाद अब भी कई सवाल इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों के मन में घूम रहे हैं।

आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करते क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है हैं-

क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे लगेगा टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपए कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपए का भुगतान करना होगा। इंडिया टुडे के अनुसार सेबी के पंजीकृत वित्तीय सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत कर लगाकर सरकार क्रिप्टो निवेश को संभवत: हतोत्साहित करना चाहती है।

क्या मुझे अपने पूरे क्रिप्टो निवेश पर टैक्स का भुगतान करना होगा?
नहीं, आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही कर का भुगतान करना होगा। उदाहरण क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है के लिए यदि आपने 5,000 रुपए की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और 5,500 रुपये में बेचते हैं तो केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर ये लागू होगा।

लॉन्ग टर्म लॉस के खिलाफ सेट ऑफ का क्या मतलब है?
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ में अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं। दूसरे शब्दों में यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है। हालांकि, क्रिप्टो आय के मामले में ऐसा संभव नहीं होगा।

अगर मैंने किसी को बिटकॉइन गिफ्ट किया है तो
नहीं, वित्त मंत्री ने साफ किया क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्त को 1 बिटकॉइन गिफ्ट कर रहे हैं तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा।

कौन से लेनदेन पर 1% TDS लगेगा?
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि होने वाले सभी क्रिप्टो लेन-देन पर 1 प्रतिशत कर कटौती होगी।

क्या टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता दे दी?
नहीं, भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो को लेकर कोई कानून क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है नहीं है। टैक्स लगाने का मतलब है कि यह क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार ऐसे में सभी लेनदेन की निगरानी कर सकती है। आसान शब्दों में, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाता है।

क्या बिटकॉइन अब एक मुद्रा है?
नहीं, वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

प्रयागराज में नहीं थम रहा डेंगू का कहर, महिला अधिवक्ता समेत दो की हुई मौत

प्रयागराज में नहीं थम रहा डेंगू का कहर, महिला अधिवक्ता समेत दो की हुई मौत

आज का पंचांग- 2 दिसंबर, 2022

आज का पंचांग- 2 दिसंबर, 2022

Friday special: पर्स में रखें ये चीज, मां लक्ष्मी भरेंगी भंडार

Friday special: पर्स में रखें ये चीज, मां लक्ष्मी भरेंगी भंडार

गुजरात विधानसभा चुनाव: पीएम मोदी की आज अहमदाबाद समेत चार जगहों पर रैलियां

गुजरात विधानसभा चुनाव: पीएम मोदी की आज अहमदाबाद समेत चार जगहों पर रैलियां

Bihar panchami: धूमधाम के साथ मनाया गया बिहारी जी का जन्मदिन, देखें तस्वीरें

दिल्ली कोर्ट ने रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना क्रिप्टोकरेंसी में फॉरवर्ड ट्रेडिंग करने के व्यवसाय के खिलाफ समन जारी किया

दिल्ली कोर्ट ने रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना क्रिप्टोकरेंसी में फॉरवर्ड ट्रेडिंग करने के व्यवसाय के खिलाफ समन जारी किया

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश गीतांजलि एक विद्युत कायारकर द्वारा ओलंप ट्रेड नामक एक वेबसाइट के खिलाफ दायर एक मुकदमे से निपट रहे थे। इसे सालेडो ग्लोबल एलएलसी द्वारा संचालित किया गया है। मामले में कोर्ट में एक दिशा की मांग की गई कि क्रिप्टोक्यूर्यूशंस में आगे व्यापार करने का ऐसा व्यवसाय भारत की नीति के खिलाफ है। साथ ही और इस आशय का कोई भी समझौता भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 23 के तहत वर्जित होगा। धारा 23 एक समझौते के वैध विचार/उद्देश्य को निर्धारित करती है।

अधिवक्ता निपुण सक्सेना के माध्यम से दायर किए गए मुकदमे में उक्त प्रतिवादी के खिलाफ एक स्थायी निषेधाज्ञा की भी मांग की गई है। इससे इसे ओलंप ट्रेड या किसी अन्य वेबसाइट मिरर लिंक और मोबाइल एप्लिकेशन "ओलम्प्ट्रेड" के माध्यम से देश में अपना व्यवसाय संचालित करने से रोका जा सके।

वाद के अनुसार उक्त प्रतिवादी द्वारा कथित व्यापार के रूप में "ओलंप ट्रेड" के नाम से अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन पर विभिन्न लेनदेन किए जा रहे हैं।

वादी का मामला यह भी है कि "ओलंप ट्रेड" वेबसाइट झूठे और गलत दावे करती है कि उसका ग्राहक लाभ कमा सकता है। केवल 10 यूएस डॉलर के शुरुआती निवेश पर 55300 यूएस डॉलर तक निकाल सकता है।

सुनवाई के दौरान, एडवोकेट सक्सेना ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि एक वैध अनुबंध के समापन के लिए माल की फिजिकल डिलीवरी एक अनिवार्य शर्त है और माल की वास्तविक डिलीवरी नहीं होने की स्थिति में पूरा समझौता एक शर्त अनुबंध बन जाता है।

इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 30 (दांव के माध्यम से समझौते शून्य हैं) की चपेट में आने के कारण समझौते शून्य हो जाते हैं।

आगे तर्क दिया गया कि डेरिवेटिव में व्यापार देश में कानूनी है, बशर्ते यह किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज या किसी मान्यता प्राप्त बाजार संघ पर किया जाता है। यह एक इकाई द्वारा किया जाता है जो भारत में पंजीकृत और निगमित है। हालांकि, वहां माल की वास्तविक फिजिकल डिलीवरी होनी है।

उन्होंने यह तर्क देने के लिए विभिन्न क्लिक रैप सेवा समझौतों पर भी भरोसा किया कि अंतर के अनुबंध भारत में अवैध हैं। इस प्रकार भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 30 के तहत दांव लगाने के अनुबंधों के समान होंगे।

दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया:

"24.02.2022 के क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है लिए अंतरिम आवेदन की सूचना के साथ प्रतिवादी नंबर एक को मुद्दों के निपटारे के लिए समन जारी किया जाए।"

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री ने कही यह बड़ी बात, आप भी जाने.

रूसी सरकार ने वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की अवधारणा को मंजूरी दी थी।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री ने कही यह बड़ी बात, आप भी जाने.

नई दिल्ली। रूस जल्द या बाद में भुगतान के साधन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है को वैध कर देगा। रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री, डेनिस मंटुरोव, एक शैक्षिक कार्यक्रम में मंच पर आए, जिसमें कहा गया कि सरकार और केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में अपने लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को हल करने के करीब जा सकते हैं। देश के वित्त मंत्रालय ने फरवरी की शुरुआत में एक विधायी प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जो देश में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के केंद्रीय बैंक के अनुरोध के खिलाफ था।

रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि क्या रूस बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेगा या नहीं, मंटुरोव ने कहा, "सवाल यह है कि यह कब होगा, यह कैसे होगा और इसे कैसे विनियमित किया जाएगा। अब सेंट्रल बैंक और सरकार दोनों इसमें सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।"

जैसे ही चीजें खड़ी होती हैं, रूसी अधिकारी क्रिप्टोकरेंसी और खनन के भविष्य पर चर्चा कर रहे हैं। बिटकॉइन को अपनाने की रूस की स्पष्ट प्रेरणा के बावजूद, बैंक ऑफ रूस ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया, क्योंकि यह रूसी वित्तीय प्रणाली को कमजोर कर सकता है। ऐसा लगता है कि धुन बदल गई है क्योंकि कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वित्तीय नियामकों से अनुरोध किया है कि डिजिटल मुद्राओं को कैसे विनियमित किया जाना चाहिए।

"लेकिन हर कोई समझता है कि यह समय की एक प्रवृत्ति है, और जल्दी या बाद में, एक प्रारूप या किसी अन्य में इसे किया जाएगा," कार्यक्रम में मंटुरोव ने कहा। "लेकिन, एक बार फिर, यह तैयार किए जाने वाले नियमों के अनुसार कानूनी, सही होना चाहिए।"

पिछले फरवरी में, रूसी सरकार ने वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की अवधारणा को मंजूरी दी थी। इसी महीने के दौरान वित्त मंत्रालय ने भी एक बिल पेश किया।

वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि इस साल बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने वाला कानून पेश किया जाएगा और यह कर संग्रह पर भी काम कर रहा है क्योंकि यह क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित है।

रेटिंग: 4.26
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 165
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *